ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए रेल हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई. इस दर्दनाक हादसे में 700 से ज्यादा लोग घायल हैं, जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. इस रेल हादसे को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है.
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि यह हादसा कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के मेन लाइन से लूप लाइन पर जाने की वजह से हुआ. ट्रेन बाहानगा बाजार स्टेशन से ठीक पहले लूप लाइन पर चली गई, जहां पहले से मालगाड़ी खड़ी थी. कोरोमंडल एक्सप्रेस इसी मालगाड़ी से टकरा गई और भीषण हादसा हो गया.
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस को पहले ग्रीन सिग्नल दिया गया था, बाद में इसे बंद कर दिया. हालांकि, यह मानवीय भूल थी या तकनीकी दिक्कत… इस बात को लेकर जानकारी सामने नहीं आई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेन संख्या 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस को मेन लाइन के लिए रवाना किया गया था, लेकिन यह लूप लाइन पर चली, जिससे उसकी टक्कर मालगाड़ी से हुई और ट्रेन के कुछ डिब्बे दूसरी लाइन पर गिर गई.
इसी दौरान ट्रेन संख्या 12864 बेंगेलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस डाउन मेन लाइन से गुजर रही थी, जिसकी टक्कर इन डिब्बों से हो गई. इतने बड़े हादसे का यही कारण था क्योंकि इन दोनों ट्रेनों में करीब 2000 यात्री सवार थे.
आगे टाइमलाइन के माध्यम से समझते हैं कि कोरोमंडल एक्सप्रेस किस समय बाहानगा बाजार स्टेशन पहुंचने वाली थी? किस समय उसे ग्रीन सिग्नल दिया गया? कब ट्रेन मेन लाइन से लूप लाइन पर चली गई और डाउन मेल लाइन से आ रही बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस से उसकी टक्कर कब हुई?
.दोपहर 3:20 मिनट पर कोरोमंडल एक्सप्रेस ने अपना सफर शुरू किया था. इस ट्रेन को बालासोर, कटक, भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम होते हुए चेन्नई पहुंचना था.
.शाम 5:05 मिनट पर यह ट्रेन खड़गपुर स्टेशन से चलनी शुरू हई. इस स्टेशन पर यह ट्रेन तीन मिनट की देरी से पहुंची थी.
.शाम 6:35 मिनट पर हावड़ा से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस बाहानगा रेलवे स्टेशन पहुंचने वाली थी. इस ट्रेन को इस स्टेशन पर रुकना नहीं था.
.शाम 6:54 मिनट पर कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन पर थी. जबकि, लूप लाइन पर मालगाड़ी खड़ी थी. ट्रेन को अप लाइन का ग्रीन सिग्नल दिया गया था.
.शाम 6:55 मिनट पर कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन पर चली गई और मालगाड़ी से टकरा गई. इस टक्कर से उसके डिब्बे डाउन मेल लाइन पर गिर गए.
.शाम 6:59 मिनट पर डाउन मेन लाइन पर बेंगलुरू-हावड़ा एक्सप्रेस आ गई, जो कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा गई.
क्या होती है लूप लाइन
रेलवे स्टेशनों के आसपास ही लूप लाइन बनाई जाती है. इस लाइन का इस्तेमाल एक से ज्यादा इंजनों के साथ चलने वाली मालगाड़ियों को खड़ी करने के लिए किया जाता है. सामान्य तौर पर लूप लाइन की लंबाई 750 मीटर होती है. जानकारी के मुताबिक, हादसे से समय कोरोमंडल एक्सप्रेस की रफ्तार 128 किलोमीटर प्रतिघंटे थी, वहीं बेंगेलुरू-हावड़ा एक्सप्रेस की रफ्तार 116 किलोमीटर प्रतिघंटे के आसपास थी.
बालासोर हादसा: सामने आई ट्रेन हादसे की जांच रिपोर्ट, 20 मिनट में हुआ पूरा खेल, कहां हुई लापरवाही…टाइमलाइन में समझें
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