विश्व जनसंख्या दिवस: बढ़ती जनसंख्या वर्तमान के साथ भविष्य के लिए भी घातक, छोटे परिवार में है ‘बड़ी खुशियां’

दुनिया के कई देशों के विकास में जनसंख्या बाधक बनी हुई है. हर सेकंड बढ़ रही पापुलेशन बेरोजगारी, महंगाई, भुखमरी और अशिक्षा के लिए भी जिम्मेदार है. देश की भी बढ़ती आबादी एक ज्वलंत मुद्दा रहा है. चीन के बाद भारत सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है. आज 11 जुलाई है. हर साल इसी दिन ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ मनाया जाता है. यह एक ऐसा दिवस है जिसमें खुशियां मनाने के बजाय पूरे विश्व में तेजी के साथ बढ़ती आबादी को लेकर चिंता जाहिर की जाती है. आंकड़ों के अनुसार इस साल पूरे विश्व की आबादी ‘आठ अरब’ हो गई है. लगातार बढ़ती जनसंख्या हमारे भविष्य के लिए अभिशाप भी बन गई है. आबादी बढ़ने का कारण समाज का एक बड़ा तबका अशिक्षित और जागरूकता का न होना है. हालांकि हाल के वर्षों में अब लोगों को समझ में आने लगा है कि ‘छोटा परिवार ही सुखी परिवार’ है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत की आबादी एक अरब 35 करोड़ के पार हो गई है. जिसके वजह से देश में बेरोजगारी की वृद्धि दर भी चरम पर है.

देश में छोटी-छोटी नौकरियों के लिए लाखों युवा लाइन में खड़े हुए हैं. रोजगार न मिलने की वजह से गांवों से पलायन भी सबसे बड़ी वजह है. विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य वर्तमान में बढ़ती आबादी के कारण होने वाले दुष्प्रभावों और इससे जुड़े सभी मुद्दों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर उन्हें जागरूक करना है. विश्व जनसंख्या दिवस 2022 की थीम है, ‘8 बिलियन की दुनिया, सभी के लिए एक लचीला भविष्य की ओर, अवसरों का दोहन और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना. विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की शुरुआत तब हुई थी जब दुनिया की आबादी 5 अरब पहुंच गई थी. आज यह आंकड़ा बढ़कर 8 अरब हो गया है. आइए जानते हैं इस दिवस को मनाने की शुरुआत कब से हुई थी.

साल 1987 में विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की हुई थी शुरुआत

11 जुलाई साल 1987 को जब विश्व की जनसंख्या 5 अरब हो गई थी तब यह दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी. संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस पर चिंता जताई थी. इसके बाद 11 जुलाई 1989 को संयुक्त राष्ट्र में बढ़ती आबादी को काबू करने और परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसके साथ ही पहली बार विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया. तभी से यह दिवस हर साल आज ही के दिन मनाया जाता है. इसको मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि जनसंख्या की वजह से आज विश्व के सामने कौन-कौन सी समस्याएं विकराल बनती जा रही है.

स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा हर क्षेत्र में मुश्किलें बढ़ी हैं, ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण के महत्व को समझना और भी जरूरी हो गया है. हर साल इस दिन जनसंख्या को कंट्रोल करने के उपायों पर चर्चा की जाती है. बढ़ी हुई जनसंख्या की वजह से देश और दुनिया के सामने जो परेशानियां हैं उनसे इको सिस्टम और मानवता को जो नुकसान पहुंचता है, उसके प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए ये दिन मनाया जाता है. परिवार नियोजन, गरीबी, लैंगिक समानता, नागरिक अधिकार, मां और बच्चे का स्वास्थ्य, गर्भनिरोधक दवाओं के इस्तेमाल जैसे गंभीर विषयों पर चर्चा और विमर्श किया जाता है. आज विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर आओ बढ़ती आबादी को रोकने के लिए समाज में जागरूकता फैलाएं.

–शंभू नाथ गौतम

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