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अब बदलने वाला है बंदरों से फैलने वाली बीमारी नाम! डब्लूएचओ ले सकता है बड़ा फैसला

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फाइल फोटो

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के बाद जहां पर कई वायरस मंकीपॉक्स, लंपीवायरस की एंट्री हुई. इन वायरस के प्रकोप ने कई लोगों की जाने ली थी तो वहीं लंपी वायरस के कहर से गायों की मौत हुई है.

जिसके बाद अब मंकी पॉक्स का नाम बदलने वाला है जिनके जगह पर अब ‘एमपॉक्स’ नाम होगा जिसे लेकर आज अमेरिकी प्रशासन की ओर से लगातार की जा रही अपील के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) फैसला ले सकता है.

आपको बताते चलें कि, मंकीपॉक्स वायरस के चपेट में आने से मेरिका में मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी भी घोषित कर दिया गया था. यूएस में इस वायरस के 30 हजार से ज्यादा केस दर्ज किए जा चुके हैं. इसके अलावा भारत की बात की जाए तो, यहां इस वायरस के 20 से भी कम केस सामने आए थे.

यहां पर नाम बदलने का मकसद किसी भी सांस्कृतिक या जातीय समूहों का अपमान होने से बचाना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जुलाई में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे राष्ट्रीय हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया था.

जाने क्या है मंकीपॉक्स वायरस
आपको बताते चलें कि, यहां पर खतरनाक बीमारी मंकी पॉक्स की बात की जाए तो, एक वायरस है जो चेचक की तरह फैलता है. ये संक्रमित जानवर और इंसान के संपर्क में आने से फैलता है. जानवरों में पहली बार मंकीपॉक्स 1958 में दिखाई दिया था. इसके बाद 1970 में कान्गों में ये वायरस एक बच्चे में पाया गया था.

मंकीपॉक्स के लक्षण भी चेचक की तरह ही होते हैं. इसमें शुरुआत में बुखार आता है और उसके बाद चेहरे व शरीर पर दाने निकलने लगते हैं. इसकेदेश में समलैंगिक पुरुषों में ये वायरस सबसे ज्यादा पाए जाने की खबर में थी.



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