मॉस्को|…. मंगलवार को व्लादिमीर पुतिन ने एक भव्य समारोह में रूस के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. क्रेमलिन में हुए समारोह अगले पांच साल के कार्यकाल के लिए उन्होंने शपथ ली. उन्होंने अपने राजनीति प्रतिद्वंद्वियों को करारी हार दी है. बीते कार्यकाल में यूक्रेन से संघर्ष और रूस की गिरती अर्थव्यवस्था के लिए पुतिन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था. ऐसा कहा जा रहा था कि रूस की जनता में असंतोष है.
मगर परिणाम इसके उलट आए और एक बार फिर पुतिन राष्ट्रपति के पद पर आसीन हो गए हैं. उन्होंने अपने पांचवें कार्यकाल की शुरुआत एक ऐसे समारोह से की जिसका यूक्रेन पर रूस के युद्ध के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका और कई पश्चिमी देशों ने किया.
पुतिन 1999 से लगभग 25 वर्षों तक राष्ट्रपति के पद पर रहे हैं और जोसेफ स्टालिन के बाद सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले क्रेमलिन नेता हैं. संविधान के अनुसार, अगले छह वर्षों तक सत्ता में रहने के विकल्प के साथ, कम से कम 2030 तक सत्ता में बने रहेंगे.
उद्घाटन समारोह के दौरान, पुतिन ने अधिकारियों से कहा कि रूस का नेतृत्व करना एक “पवित्र कर्तव्य” है और रूस “कठिन” अवधि के बाद “मजबूत” बनकर उभर रहा है. पुतिन ने कहा, “हम इस कठिन दौर से गरिमा के साथ गुजरेंगे और और भी मजबूत बनेंगे.” एक संक्षिप्त भाषण में, पुतिन ने यह भी कहा कि रूस अन्य देशों के साथ संबंध विकसित करने के लिए तैयार है. इसे उन्होंने “दुनिया का बहुमत” बताया.
उन्होंने कहा, “रूस की राज्य प्रणाली को किसी भी खतरे या चुनौती के प्रति प्रतिरोधी होना चाहिए.” पुतिन के नेतृत्व में रूस आर्थिक पतन से उबरने वाले राष्ट्र से एक अछूत राज्य में बदल गया है जो वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है. पूरे विश्व की नजरें 71 वर्षीय पुतिन पर है। अगले छह वर्षों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर वे किस तरह के कदम उठाने वाले हैं। रूसी सेनाएं यूक्रेन में तेजी से आगे बढ़ रही है.