अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. जिसमें कहा गया है कि वे भारत-पाक सीमा के साथ पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की यात्रा न करें. बता दें कि पिछले दिन ही पाकिस्तान ने देश में अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिकों को तुरंत देश छोड़ने को कहा था. जिससे पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एक बार फिर से तनाव पैदा होने की संभावना है.
इस बीच अमेरिका ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे भारत-पाकिस्तान सीमा और नियंत्रण रेखा के पास यात्रा करने से बचें. एडवाइजरी में बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में जाने की भी चेतावनी दी गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग ने लोगों को ‘आतंकवाद और सशस्त्र संघर्ष की संभावना के चलते पाकिस्तान की यात्रा पर पुनर्विचार करने’ की सलाह दी है.
अमेरिका ने ट्रैवल एडवाइजरी में क्या कहा?
अमेरिका ने शुक्रवार को जारी ट्रैवल एडवाइजरी में कहा है कि, अमेरिकी नागरिक किसी भी कारण से नियंत्रण रेखा के साथ-साथ भारत-पाकिस्तान सीमा पर यात्रा न करें. ये क्षेत्र आतंकवादी समूहों के सक्रिय होने के बारे में जाना जाता है. जिसके लिए भारत और पाकिस्तान सीमा के अपने-अपने पक्षों पर एक मजबूत सैन्य उपस्थिति बनाए रखते हैं.
ट्रैवल एडवाइजरी में सुरक्षा खतरों के कारण अमेरिकियों को बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा न जाने की सलाह दी गई है. जिसमें पूर्व संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्र (FATA) भी शामिल है. एडवाइजरी में कहा गया है कि, “हिंसक चरमपंथी समूह पाकिस्तान में हमलों की साजिश रचते रहते हैं. बलूचिस्तान प्रांत और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकवादी हमले अक्सर होते रहते हैं, जिसमें पूर्व FATA भी शामिल है. इन इलाकों में बड़े पैमाने पर आतंकवादी हमलों हुए हैं जिसमें तमाम लोगों की जान जा चुकी है. साथ ही अक्सर छोटे हमले होते रहते हैं.
अमेरिका ने अपनी ट्रैवल एडवाइजरी में कहा है कि, “आतंकवादी और चरमपंथी तत्वों द्वारा जारी हिंसा के कारण नागरिकों के साथ-साथ स्थानीय सैन्य और पुलिस ठिकानों पर अंधाधुंध हमले हुए हैं. आतंकवादी बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकते हैं, परिवहन केंद्रों, बाजारों, शॉपिंग मॉल, सैन्य प्रतिष्ठानों, हवाई अड्डों, विश्वविद्यालयों, पर्यटक आकर्षणों, स्कूलों, अस्पतालों, पूजा स्थलों और सरकारी सुविधाओं को निशाना बना सकते हैं. आतंकवादियों ने पहले भी अमेरिकी राजनयिकों और राजनयिक सुविधाओं को निशाना बनाया है.”