ब्रिटेन की एक अदालत ने बुधवार को भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को बड़ा झटका दिया है. ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में भारत में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी अपील को खारिज कर दिया है. यह भारत की बड़ी जीत है क्योंकि भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को अब भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है. नीरव मोदी ने प्रत्यर्पण रोकने की अपील की थी. मामले में कोर्ट ने कहा कि नीरव का प्रत्यर्पण किसी भी नजरिए से अन्यायपूर्ण नहीं होगा.
लॉर्ड जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट जे ने इस साल की शुरुआत में अपील की सुनवाई की अध्यक्षता की थी. बुधवार को इन्होंने फैसला सुनाया है. उल्लेखनीय है कि विशेष पीएमएलए (PMLA) कोर्ट ने दिसंबर 2019 में भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था. नीरव मोदी लंदन भाग गया था.
51 वर्षीय व्यवसायी दक्षिण-पूर्वी लंदन में वैंड्सवर्थ जेल में सलाखों के पीछे है. मोदी को पिछले फरवरी में प्रत्यर्पण के पक्ष में जिला न्यायाधीश सैम गूजी के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने की अनुमति दी गई थी.
मालूम हो कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पर साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक से 14,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. फरवरी 2021 में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन की अदालत ने कहा था कि नीरव मोदी को लंदन की जेल से मुंबई में आर्थर रोड जेल में भेजने के लिए उसकी मानसिक स्थिति ठीक है.
दरअसल नीरव मोदी की लीगल टीम ने आत्महत्या की प्रवृत्ति की दलीलें दी थी. इसपर लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने यह फैसला सुनाया था. न्यायाधीश ने कहा था कि लंदन की जेल में रहने की वजह से मोदी की की मानसिक स्थिति पर असर जरूर पड़ा है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं लगता है कि प्रत्यर्पण किए जाने पर वह आत्महत्या करेगा.