एक नज़र इधर भी

ब्रह्मांड में पहली बार हुआ ऐसा, बृहस्पति जितने बड़े ग्रह को निगल गया सितारा-पृथ्वी का हो सकता है ऐसा ही हश्र

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ब्रह्मांड में समय-समय पर अलौकिक और विचित्र घटनाएं होती रहती हैं. अंतरिक्ष में हाल ही में हुई एक और घटना ने वैज्ञानिकों को चौंकाने के साथ-साथ उन्हें हैरत में डाल दिया है। दरअसल, एक तारा बृहस्पति जैसे बड़े आकार वाले एक ग्रह को निगल गया है. ग्रह को निगलने वाला यह सितारा सूरज के आकार का है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस अद्भुत खगोलीय घटना को हारवर्ड यूनिवर्सिटी के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी और कैलोफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के वैज्ञानिकों ने देखा है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह घटना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एक समय जब सूरज लाल दानव में बदलेगा तो हमारी पृथ्वी का हश्र भी कुछ इसी तरह होगा. यानी कि वह पृथ्वी को निगल जाएगा. सितारे द्वारा एक ग्रह को निगलने की यह घटना इसलिए भी अहम एवं विचित्र है क्योंकि खगोलविदों ने अभी तक सितारों को एक-दूसरे को निगलते हुए देखा है लेकिन यह पहली बार है जब एक सितारा एक ग्रह को निगल गया है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि सितारे की उम्र जब बढ़ जाती है तो उसका व्यास कई गुना बड़ा हो जाता है. वह अपने वास्तविक आकार से कई गुना बड़ा हो जाता है. बढ़ने की इस प्रक्रिया में उसके अंदर मौजूद हाइड्रोजन की मात्रा खत्म हो जाती है और वह अपने आस-पास मौजूद दूसरे ग्रहों एवं सितारों को अपने अंदर समेट लेता है. खगोलीय भाषा में ऐसे सितारों का लाल दानव (रेड गैंट) कहा जाता है.

सितारे द्वारा ग्रह को निगलने की यह घटना साल 2020 में पृथ्वी से करीब 12,000 प्रकाश वर्ष दूर हुई. एमआईटी के रिसर्चर एवं इस घटना पर लेख लिखने वाले किशलय डे का कहना है कि उनकी टीम को इस घटना को समझने में एक साल लगा. मिल्की वे गैलेक्सी में लाल दानव बना यह सितारा करीब 10 अरब साल पुराना है और इसकी उम्र सूर्य से करीब दोगुनी है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि आज से करीब पांच अरब साल बाद जब सूर्य लाल दानव में तब्दील होगा तो हमारे सौर मंडल के सबसे नजदीक ग्रहों बुध, शुक्र और पृथ्वी का भी यही हाल होगा. वैज्ञानिकों ने इस लाल दानव सितारे के पास अभी किसी अन्य ग्रह को तो नहीं देखा है लेकिन उन्होंने इससे इंकार भी नहीं किया है. भविष्य में यह सितारा अन्य ग्रहों को भी निगल सकता है.









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