मॉस्को|… यूक्रेन संकट को हल करने के लिए रूस बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन बातचीत के लिए वह अमेरिका की पूर्व शर्तों को स्वीकार नहीं करता. रूस ने कहा है कि कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के किसी भी शर्त के साथ बातचीत नहीं करेंगे. रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से चर्चा संबंधी शर्तों को खारिज करते हुए यह जानकारी दी है.
रूस के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने शुक्रवार को कहा है कि यूक्रेन संकट को हल करने के लिए रूस कूटनीतिक रास्ते को तरजीह देता है, लेकिन वह अमेरिका की शर्तों को नहीं मानेगा. गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि रूस के यूक्रेन छोड़ने के बाद ही चर्चा संभव होगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि मैं पुतिन के साथ बातचीत के लिए तैयार हूं, अगर वे वास्तव में युद्ध को समाप्त करने का रास्ता तलाशना चाहते हैं और उनकी रूचि इस संबंध में निर्णय लेने की है क्योंकि उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है. बाइडेन ने कहा कि ‘इस युद्ध को समाप्त करने का एकमात्र और तर्कसंगत तरीका है कि रूस, यूक्रेन से बाहर निकले.
इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पेसकोव ने कहा कि अमेरिका और रूस इस समय यूक्रेन के मुद्दे पर बातचीत करें, लेकिन इसके लिए अभी पर्याप्त जगह नहीं थी. अमेरिका ने अभी भी नए क्षेत्रों को मान्यता नहीं दी है जो रूसी संघ में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में दोनों देशों के बीच चर्चा के लिए संभव आधारों की खोज मुश्किल हो जाती है.
गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध के दौरान 4 क्षेत्र (पूर्व यूक्रेनी) जनमत संग्रह के बाद रूस में शामिल हो गए हैं. इस पर यूक्रेन को आपत्ति है और उसने जनमत संग्रह को ‘दिखावा’ बताते हुए रूस के दावे को खारिज कर दिया था. यूक्रेन ने युद्ध जारी रखने का संकल्प लिया है. वहीं, रूस भी पीछे हटने से साफ इनकार कर चुका है. इस बीच, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ से कहा है कि यूक्रेन के बुनियादी ढांचे पर हमला “अपरिहार्य” था. पुतिन ने पश्चिमी देशों पर ‘विनाशकारी नीतियों’ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. रूस ने कहा कि यूक्रेन पर तेज और बड़े हमले जरूरी हो गए हैं, यह मजबूरी है कि नागरिकों के बुनियादी ढांचे पर हमले हुए हैं क्योंकि यह एक प्रकार की जरूरी प्रतिक्रिया है. जर्मनी सहित अन्य देश यूक्रेन को कई प्रकार से सहायता देकर इस युद्ध में मदद कर रहे हैं.