गुरुवार को रामचंद्र पौडेल नेपाल के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं. पौडेल ने चुनाव में सुभाष नेमबांग को हराया. पौडेल को 33,802 और नेमबांग को 15,518 वोट मिले. पौडेल बिद्या देवी भंडारी का स्थान लेंगे.
पौडेल इसके पहले नेपाल की संसद के स्पीकर भी रह चुके हैं. इससे 28 फरवरी को नेपाल की सत्ता से बाहर किए गए चीनी समर्थक केपी ओली की पार्टी (CPN-UML) को एक और झटका लगा है.
नेपाल कांग्रेस के उम्मीदवार रामचंद्र पौडेल का राष्ट्रपति बनना पहले ही तय माना जा रहा था. उन्हें प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की पार्टी सहित 8 पार्टियों का समर्थन हासिल था. वहीं CPN-UML के उम्मीदवार सुभाष चंद्र नेमबांग को अपनी पार्टी के अलावा निर्दलीय सदस्यों ने भी उनका समर्थन किया. दूसरी तरफ राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) ने बुधवार को किसी भी उम्मीदवार को समर्थन नहीं देने का फैसला किया था.
नेपाल के इलेक्टोरल कॉलेज में 884 मेंबर्स हैं. इनमें से 275 सदस्य प्रतिनिधि सभा के थे, जबकि 59 सदस्य नेशनल असेंबली के रहे. इनके अलावा देशभर की विधानसभा से 550 सदस्य भी इलेक्टोरल कॉलेज का हिस्सा रहे. चुनाव में एक सांसद के वोट का वेटेज 79 था जबकि एक विधायक के वोट का वेटेज 48 था. इसका मतलब राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 52,786 वोट डाले गए.
इससे पहले नेपाल सरकार में प्रधानमंत्री प्रंचड की पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल केपी ओली की पार्टी नेपाल यूनिफाइड मार्कसिस्ट लेननिस्ट (CPN-UML) ने 27 फरवरी को अलायंस छोड़ दिया था. दरअसल प्रचंड ने CPN-UML के राष्ट्रपति उम्मीदवार की जगह नेपाल कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन देने का फैसला किया था. इसके बाद ओली की पार्टी भड़क गई और उन्होंने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया. वहीं इसी बात से नाराज होकर नेपाल के उप-प्रधानमंत्री राजेंद्र सिंह लिंगदेन समेत राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) के 4 मंत्री भी इस्तीफा दे चुके हैं.