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बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ भारी विरोध जारी, अब तक 105 से ज्यादा लोगों की मौत

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बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण के खिलाफ इनदिनों भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इस विरोध प्रदर्शन में अब तक 105 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस विरोध प्रदर्शन में 1500 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है. हालात बेकाबू होते देख सरकार ने देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है और सेना तैनात कर दी गई है. बांग्लादेश में कर्फ्यू की घोषणा सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के महासचिव ओबैदुल क़ादर ने की. उन्होंने कहा कि यह नागरिक प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने के लिए किया जा रहा है.

कर्फ्यू लगाने का निर्णय पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने और आंसू गैस छोड़ने और शुक्रवार को राजधानी ढाका में सभी सभाओं पर प्रतिबंध लगाने के कुछ घंटों बाद लिया गया है. प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं. जो सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था के खिलाफ ढाका और अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस आरक्षण के तहत 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए आरक्षण दिया जाता है.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आरक्षण की ये प्रणाली भेदभावपूर्ण है और प्रधान मंत्री शेख हसीना के समर्थकों को लाभ पहुंचाती है, जिनकी अवामी लीग पार्टी ने स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे चाहते हैं कि इसे योग्यता-आधारित प्रणाली से बदल दिया जाए.

वहीं बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने कोटा प्रणाली का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि, आदोलन में शहीद हुए लोग अपनी राजनीतिक संबद्धता की परवाह किए बिना युद्ध में अपने योगदान के लिए सर्वोच्च सम्मान के पात्र हैं.

बता दें कि गुरुवार को प्रदर्शन ने उस समय उग्र रूप ले लिया जब प्रदर्शनकारियों ने देश के सरकारी प्रसारणकर्ता में आग लगा दी. हिंसा के कारण अधिकारियों को ढाका से आने-जाने वाली रेल सेवाओं के साथ-साथ राजधानी के अंदर मेट्रो रेल को भी बंद करना पड़ा. सरकार ने देश के कई हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट नेटवर्क बंद करने का भी आदेश दिया. स्कूल और विश्वविद्यालय अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिए गए.

देश में हिंसक प्रदर्शन के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है. जिसका असर मीडिया पर भी देखने को मिल रहा है. देश के ज्यादातर अखबार छप नहीं पाए और न्यू वेबसाइट भी इंटरनेट कटने की वजह से ठह हो गई हैं. समाचार टेलीविजन चैनल और राज्य प्रसारक बीटीवी का प्रसारण बंद हो गया, हालांकि मनोरंजन चैनल चल रहे हैं. उनमें से कुछ ने तकनीकी समस्याओं को जिम्मेदार ठहराते हुए और जल्द ही प्रोग्रामिंग फिर से शुरू करने का वादा करते हुए संदेश जारी किया है.
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