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तोशखाना मामले में इमरान खान को मिली राहत, इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने दिए रिहाई के आदेश

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पाक के पूर्व पीएम इमरान खान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशखाना भ्रष्टाचार के मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उनकी सजा पर रोक लगा दी है. पाकिस्तानी के इस्लामाबाद हाई कोर्ट में इमरान खान के पक्ष में मंगलवार (29 अगस्त) फैसला सुनाया और रिहाई के आदेश दे दिए हैं. इमरान खान पर आरोप था कि उन्होंने सस्ते दामों में सरकारी गिफ्ट को खरीदा था और उसके बाद उन्ही गिफ्ट का महंगे दामों में बेच दिया था.

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारुक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की बेंच ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसके बाद जजों के बेंच ने कहा था कि फैसला मंगलवार 11 बजे सुनाया जाएगा.

इससे पहले दिन में हाई कोर्ट ने उस अपील की सुनवाई फिर से शुरू की, जो उसने 22 अगस्त से कोर्ट में सुनी जा रही थी. इससे पहले पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ECP) का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अमजद परवेज बीमार होने की वजह से अदालत में पेश नहीं हो पाए थे. इसकी वजह से शुक्रवार (25 अगस्त) को सुनवाई स्थगित कर दी थी.

इमरान खान के वकील लतीफ खोसा ने उनकी दोषसिद्धि के खिलाफ अपनी बहस बीते गुरुवार (24 अगस्त) को पूरी कर ली थी और कहा था कि यह फैसला बहुत जल्दबाजी में दिया गया है और खामियों से भरा हुआ है. उन्होंने कोर्ट से फैसले को रद्द करने का आग्रह किया था, लेकिन बचाव पक्ष ने अपनी बहस को पूरी करने के लिए और समय दिए जाने की मांग की थी.

कई लोगों का मानना था कि 70 वर्षीय इमरान खान को दोषी ठहराने वाले फैसले में हाई कोर्ट के खामियों को सामने लाए जाने के बाद अब पूर्व प्रधानमंत्री के पक्ष में फैसला आ सकता है. इस फैसले से पहले जियो न्यूज की एक खबर के अनुसार बलूचिस्तान हाई कोर्ट ने इमरान खान के खिलाफ दर्ज एक अन्य प्राथमिकी रद्द कर दी. एक भाषण के दौरान सरकारी संस्थानों और उनके अधिकारियों के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर यह मामला दर्ज किया गया था.

बलूचिस्तान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नईम अख्तर अफगान और न्यायमूर्ति गुल हसन तरीन की सदस्यता वाली दो सदस्यीय पीठ ने इंसाफ लॉयर्स फोरम के इकबाल शाह के तरफ से दायर याचिका पर यह फैसला सुनाया. हाई कोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के ओर से इमरान खान के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट भी खारिज कर दिया.

डॉन समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, निर्वाचन आयोग के वकील अमजद परवेज ने हाई कोर्ट से मामले में सरकार को प्रतिवादी बनाने के लिए नोटिस जारी करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि कानून ने इसे आवश्यक बना दिया है.

परवेज ने जब अपनी दलील समाप्त की तब इमरान खान के वकील खोसा ने कहा कि उन्हें सरकार को नोटिस जारी करने की आयोग की याचिका पर कोई आपत्ति नहीं है. इसके बाद कोर्ट ने मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

इस्लामाबाद की एक निचली अदालत ने 5 अगस्त को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष खान को दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी. इमरान खान को 2018 से 2022 के उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्हें और उनके परिवार को मिले राजकीय उपहारों को अवैध रूप से बेचने के आरोप में सजा सुनाई गई थी. उनके आगामी चुनाव लड़ने पर रोक लगाते हुए उन्हें पांच वर्ष के लिए राजनीति में हिस्सा लेने से भी प्रतिबंधित किया गया था.

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