इस्लामाबाद| पाकिस्तान ने 31 मार्च की समय सीमा समाप्त होने के बाद निर्वासन प्रक्रिया को तेज कर दिया है. हजारों अफगान शरणार्थियों को जबरन वापस भेजा जा रहा है. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 1 अप्रैल से अब तक 944 से अधिक अफगान परिवारों, जिनमें 6,700 व्यक्ति शामिल हैं, को पाकिस्तान से निर्वासित किया जा चुका है. सबसे बड़ी कार्रवाई पंजाब प्रांत में हुई. 5,111 अफगान नागरिकों को प्रत्यावर्तन के लिए प्रांत भर में स्थित ट्रांजिट शिविरों या हिरासत केंद्रों में ले जाया गया. इनमें 2,301 बच्चे और 1,120 महिलाएं शामिल थीं.
कराची से 300 से ज्यादा अफगानों को पाकिस्तान से उनके देश वापस भेसिंध के वरिष्ठ मंत्री शारजील इनाम मेमन ने कहा कि कराची से निर्वासित लोगों में 79 बच्चे, 37 महिलाएं और 191 पुरुष शामिल हैं. रावलपिंडी में कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने रविवार को 140 महिलाओं और 164 बच्चों सहित 736 अफगान नागरिकों को हिरासत में लिया. उन्हें गोलरा मोड़ के पास अफगान शरणार्थी शिविर में भेज दिया. 736 लोगों में से 179 को अफगानिस्तान वापस भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने देश के प्रमुख दैनिक डॉन को बताया कि सुरक्षा एजेंसियों ने अकेले पंजाब में 150 से अधिक अफगान कॉलोनियों में रहने वाले 1,00,000 अफगानियों की पहचान की है. कई अफगानों ने बताया कि उन्होंने अपना सारा सामान औने-पौने दामों पर बेच दिया और जल्दबाजी में अपना कारोबार समेट लिया, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा. वहीं कुछ निर्वासित लोगों ने कहा कि उन्हें काम करते समय पाकिस्तानी पुलिस ने गिरफ्तार किया और अफगानिस्तान भेज दिया जबकि उनका परिवार पीछे छूट गया.
अफगान मीडिया आउटलेट टोलो न्यूज ने निर्वासित गुल मोहम्मद के हवाले से बताया, मैं फल बाजार में एक छोटा सा होटल व्यवसाय चलाता था. पुलिस ने मुझ पर छापा मारा, मुझे खैबर पख्तूनख्वा के हाजी कैंप में चार रातों तक हिरासत में रखा और अब मुझे तोरखम के रास्ते निर्वासित कर दिया है. पाकिस्तानी सरकार ने अफगान शरणार्थियों के सामूहिक प्रत्यावर्तन के बारे में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) और अन्य एजेंसियों द्वारा उठाई गई चिंताओं को खारिज कर दिया.