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भारत में आयोजित जी-20 समिट पर पाक का छलका दर्द, पीएम मोदी को खूब सराहा- देखें वीडियो

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फोटो साभार-ANI

भारत के जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी करने पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के सुर बदल गए हैं. पाकिस्तान की जनता पीएम मोदी की खूब तारीफ कर रही है, साथ ही भारत की सफलता देख अपनी सरकार को कोस रही है. पाकिस्तानी लोग भारत को अब बहुत मजबूत देश के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि दुनियाभर के ताकतवर देशों का भारत में जमावड़ा हुआ. जी-20 शिखर सम्मेलन पर पाक की आवाम ने क्या प्रतिक्रिया दी है आइए जानते हैं…

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाकिस्तान के एक व्यक्ति का कहना है , “आज जब हम अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, तो भारत टॉप 20 देशों की मेजबानी कर रहा है. भारत ने अच्छा कदम उठाया है. ये भारतीयों के लिए गर्व का पल था. पीएम मोदी की दुनिया के नेताओं के साथ जो तस्वीरें आई हैं, वो भारत का सकारात्मक पक्ष दिखाने में कामयाब रहीं.

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पाकिस्तान आने को कहा, लेकिन वह नहीं आए, वह भारत गए. जिससे पता चलता है कि भारत दुनिया के लिए कितना महत्वपूर्ण हो गया है. यह आश्चर्य की बात थी कि बांग्लादेश को आमंत्रित किया गया था, लेकिन पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किया गया था…”

एक अन्य पाकिस्तानी व्यक्ति ने कहा, ”मुझे लगता है कि हम अपनी विदेश नीति में विफल रहे हैं और इसी वजह से जी-20 शिखर सम्मेलन हमारे पड़ोसी देश में हो रहा है और वहां दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्ष आ रहे हैं. पिछले 5-6 वर्षों में हमारी अर्थव्यवस्था और सिक्योरिटी खराब हो गई है.

दुनिया ने हमें किनारे कर दिया है.” एक ने कहा. “वहां सऊदी अरब के शासक आए थे और लोगों को उम्मीद थी कि वह पाकिस्तान भी आएंगे लेकिन वह नहीं आए. जब इतना बड़ा सम्मेलन होता है तो लोग देखते हैं कि देश आगे बढ़ रहा है.” एक अन्य ने कहा “जब टॉप 20 देशों के प्रमुख देश का दौरा करते हैं, तो यह देश के लिए सम्मान की बात है. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत लाभ मिलेगा.”

जी-20 सम्‍मेलन के सफल आयोजन के साथ ही दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत ने अपनी वैश्विक साख में और इजाफा कर लिया है. जी20 लीडर्स घोषणा पत्र पर सदस्‍य देशों की सहमति बनाना भारत की बड़ी सफलता माना जा रहा है. इस घोषणा पत्र में मजबूत, संतुलित और समावेशी विकास में तेजी लाने, डिजिटल-सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के माध्यम से वित्तीय समावेशन और वैश्विक चुनौतियों से निपटने व समाज के सभी क्षेत्रों के रूप में योगदान के लिए नीति निर्माताओं के रूप में महिलाओं की सार्थक भागीदारी को बढ़ावा देने जैसी अहम बातों का जिक्र है. भारत के प्रस्ताव पर अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्य बनाने पर भी सहमति बन गई है.



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