कुवैत के अमीर शेख नवाफ अल अहमद अल जाबेर अल सबाह का 86 साल की उम्र में निधन हो गया. सरकारी टेलीविजन ने शनिवार (16 दिसंबर ) को इसकी जानकारी दी. उन्हें हफ्ते भर पहले सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. इसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कुवैती के राज्य टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान में कहा गया, “बड़े दुख के साथ, हम कुवैत राज्य के अमीर शेख नवाफ अल-अहमद अल-सबा की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हैं.”
गौरतलब है शेख ने सितंबर 2020 में सत्ता संभाली थी. तीन साल तक सत्ता में रहने के बाद उनका निधन हो गया. शेख नवाफ ने अपने बड़े भाई और पूर्व अमीर शेख सबाह की तरह भारत के साथ बेहतर संबंध को तवज्जों दिया. शनिवार को जैसे ही शेख के निधन की खबर आ. देश के तमाम टीवी चैनलों पर एंटरटेनमेंट् प्रोग्राम अचानक बंद कर दिए गए. इसके बाद शोक संदेश दिखाए गए.
शेख के निधन पर कुवैत ने 40 दिनों के शोक की घोषणा की है और सरकारी कार्यालय तीन दिनों के लिए बंद रहेंगे. आधिकारिक KUNA समाचार एजेंसी के अनुसार, नवंबर में शेख नवाफ को आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसमें उनकी बीमारी के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया था. हालांकि तब उनकी हालत स्थिर बताई गई थी.
कुवैत के अमीर शेख नवाफ अल अहमद अल जाबेर अल सबाह के बारे में मुख्य बातें:
1937 में जन्मे नवाफ कुवैत के पूर्व शासक शेख अहमद अल-जबर अल-सबाह के पांचवें बेटे थे. शेख नवाफ ने कुवैत में माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की, लेकिन उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं की. उन्होंने अपना राजनीतिक करियर 25 साल की उम्र में हवल्ली प्रांत के गवर्नर के रूप में शुरू किया, जहां वे 1978 तक रहे. अमीर बनने से पहले नवाफ गृह और रक्षा मंत्रालय संभाल चुके थे.
क्राउन प्रिंस बनने वाले दुनिया के सबसे उम्रदराज शख्स
1991 में शेख नवाफ कुवैत के रक्षा मंत्री बने. शेख नवाफ 1994 में नेशनल गार्ड के डिप्टी कमांडर के रूप में लौटे और 2003 में फिर से गृह मंत्री बने. माना जाता है कि शेख नवाफ 83 साल की उम्र में क्राउन प्रिंस बनने वाले दुनिया के सबसे उम्रदराज शख्स थे. यही वजह है कि जब 2020 में उन्हें शाही परिवार के कुछ लोग अमीर बनाए जाने के पक्ष में नहीं थे.