इजरायल ने एक बार फिर से लेबनान पर एयरस्ट्राइक की है. सोमवार को किए गए ताजा हमलों में अब तक 490 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है. बताया जा रहा है कि मरने वालों में 24 बच्चे और 90 से ज्यादा महिलाएं भी शामिल हैं. इजरायल की इस एयरस्ट्राइक में 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.
लेबनान के अधिकारियों की मानें तो ये हमला 2006 में इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध के बाद से सबसे घातक हमला है. बता दें कि इजरायल ने हिजबुल्लाह के हमलों के जवाब में पिछले कुछ दिनों में कई बार लेबनानी सीमा में बमबारी की है. जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि हजारों लोग घायल हुए हैं.
बताया जा रहा है कि इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह पर बड़े हवाई हमलों से पहले लेबनान के दक्षिणी और पूर्वी इलाकों में रहने वाले लोगों से अपने-अपने घर खाली करने की चेतावनी दी थी. उसके बाद इजरायल ने इस इलाके में जमकर बमबारी की. इन हवाई हमलों से लेबनान को भारी नुकसान हुआ है. इजरायली सेना के मुताबिक, उसने हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह के खिलाफ दबाव बढ़ाते हुए लेबनान में उसके 800 ठिकानों को निशाना बनाकर गोले दागे हैं.
इजरायल ने इस एयरस्ट्राइक के दौरान हिजबुल्लाह के सीनियर कमांडर को निशाना बनाया है. बताया जा रहा है कि हिजबुल्लाह का सीनियर कमांडर अली कराकी लेबनान की राजधानी बेरूत के दक्षिणी उपनगर में था इसी दौरान इजरायल ने इस इलाके में एयरस्ट्राइक की. बता दें कि इससे पहले इजरायल ने पिछले मंगलवार को ही पेजर विस्फोटों से हिजबुल्लाह को हिलाकर रख दिया था.
इस पेजर हमलों में भी हिजबुल्लाह के कई आतंकी मारे गए थे. बता दें कि पिछले साल अक्टूबर से लेकर पिछले सप्ताह हुए पेजर हमलों तक लेबनान में करीब 600 लोग मारे गए थे. मरने वालों में ज्यादातर हिजबुल्लाह के ही आतंकी शामिल थे, जबकि 100 से ज्यादा आम लोगों की मौत हुई थी.
इजरायल के ताजा हमलों के बाद दक्षिणी लेबनान में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं. लोगों को अब किसी बड़े हमले का डर सताने लगा है. ऐसे में हजारों लोगों ने इस इलाके को छोड़ दिया है. बताया जा रहा है कि लोगों के पलायन करने से लेबनान के दक्षिण से बेरूत के उत्तर की ओर जाने वाले राजमार्ग ट्रैफिक जाम लग गया है. दक्षिण लेबनान से आने वाले लोग राजधानी बेरूत के होटलों में शरण ले रहे हैं.
इस बीच लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की अपनी यात्रा रद्द कर दी है और देश में ही रुके हैं. उन्होंने पहले एक बयान जारी कर कहा था कि इजरायली हमले हर मायने में नरसंहार का एक रूप हैं. विदेश मंत्री अब्दुल्ला रशीद बौ हबीब शहर में रुके हैं और लेबनान के लिए फ्रांसीसी विशेष राष्ट्रपति दूत जीन-यवेस ले ड्रियन बेरूत पहुंचे हैं इसलिए कूटनीति अभी भी जारी है.
लेबनान के अधिकारियों की मानें तो ये हमला 2006 में इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध के बाद से सबसे घातक हमला है. बता दें कि इजरायल ने हिजबुल्लाह के हमलों के जवाब में पिछले कुछ दिनों में कई बार लेबनानी सीमा में बमबारी की है. जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि हजारों लोग घायल हुए हैं.
बताया जा रहा है कि इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह पर बड़े हवाई हमलों से पहले लेबनान के दक्षिणी और पूर्वी इलाकों में रहने वाले लोगों से अपने-अपने घर खाली करने की चेतावनी दी थी. उसके बाद इजरायल ने इस इलाके में जमकर बमबारी की. इन हवाई हमलों से लेबनान को भारी नुकसान हुआ है. इजरायली सेना के मुताबिक, उसने हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह के खिलाफ दबाव बढ़ाते हुए लेबनान में उसके 800 ठिकानों को निशाना बनाकर गोले दागे हैं.
इजरायल ने इस एयरस्ट्राइक के दौरान हिजबुल्लाह के सीनियर कमांडर को निशाना बनाया है. बताया जा रहा है कि हिजबुल्लाह का सीनियर कमांडर अली कराकी लेबनान की राजधानी बेरूत के दक्षिणी उपनगर में था इसी दौरान इजरायल ने इस इलाके में एयरस्ट्राइक की. बता दें कि इससे पहले इजरायल ने पिछले मंगलवार को ही पेजर विस्फोटों से हिजबुल्लाह को हिलाकर रख दिया था.
इस पेजर हमलों में भी हिजबुल्लाह के कई आतंकी मारे गए थे. बता दें कि पिछले साल अक्टूबर से लेकर पिछले सप्ताह हुए पेजर हमलों तक लेबनान में करीब 600 लोग मारे गए थे. मरने वालों में ज्यादातर हिजबुल्लाह के ही आतंकी शामिल थे, जबकि 100 से ज्यादा आम लोगों की मौत हुई थी.
इजरायल के ताजा हमलों के बाद दक्षिणी लेबनान में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं. लोगों को अब किसी बड़े हमले का डर सताने लगा है. ऐसे में हजारों लोगों ने इस इलाके को छोड़ दिया है. बताया जा रहा है कि लोगों के पलायन करने से लेबनान के दक्षिण से बेरूत के उत्तर की ओर जाने वाले राजमार्ग ट्रैफिक जाम लग गया है. दक्षिण लेबनान से आने वाले लोग राजधानी बेरूत के होटलों में शरण ले रहे हैं.
इस बीच लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की अपनी यात्रा रद्द कर दी है और देश में ही रुके हैं. उन्होंने पहले एक बयान जारी कर कहा था कि इजरायली हमले हर मायने में नरसंहार का एक रूप हैं. विदेश मंत्री अब्दुल्ला रशीद बौ हबीब शहर में रुके हैं और लेबनान के लिए फ्रांसीसी विशेष राष्ट्रपति दूत जीन-यवेस ले ड्रियन बेरूत पहुंचे हैं इसलिए कूटनीति अभी भी जारी है.