हसन नसरुल्लाह के मारे जाने के बाद से हिजबुल्लाह ने अपने नए प्रमुख को चुन लिया है. हाशिम सफीद्दीन को अब हिजबुल्लाह की कमान दी गई है. यह हसन नसरुल्लाह के चचेरे भाई हैं. 1964 में दक्षिणी लेबनान में जन्मे हाशिम सफीद्दीन एक प्रमुख लेबनानी शिया मौलवी और हिज़्बुल्लाह के वरिष्ठ नेता है.
ऐसे कहा जा रहा है कि हाशिम सफीद्दीन इजरायली हमलों से बचता फिर रहा है. वह हिजबुल्लाह के राजनीति मामलों को देखता आया है. इसके साथ ही एग्जीक्यूटिव काउंसिल का प्रमुख है. इसके साथ वह जिहाद काउंसिल का चेयरमैन भी है. यह जो संगठन मिलिट्री ऑपरेशंस की प्लानिंग तैयार करता है. हाशिम काली पगड़ी पहनता है.
हाशिम खुद को पैगम्बर मोहम्मद का वंशज बताता है. मगर यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने 2017 में उसे आतंकी संगठन घोषित कर दिया था. इसका इतिहास देखा जाए तो वह इजरायल के खिलाफ बड़ी जंग तब आरंभ की थी, जब इजरायल ने हिजबुल्लाह के वरिष्ठ कमांडर को मार गिराया गया. उन्होंने कहा था कि दुश्मनों को वह रोने पर मजबूर कर देगा.
इराक के नजफ और ईरान के कुम के धार्मिक केंद्रों में शिक्षा लेने वाले सफीद्दीन 1994 में लेबनान वापस आ गया था. जल्दी ही वह हिजबुल्लाह की रैंक में टॉप पहुंच गया. 1995 में समूह के सर्वोच्च निर्णय लेने वाली मजलिस अल शूरा में शामिल हो गया. इसके तुरंत बाद उसे जिहाद परिषद का प्रमुख नियुक्त किया गया. इसमें हिजबुल्लाह के सैन्य और रणनीतिक अभियानों पर प्रभाव मजबूत हो गया.
सफीद्दीन हिजबुल्लाह के खास चेहरा रहे हैं. सफीद्दीन को हमेशा से ही नसरल्लाह का संभावित उत्तराधिकारी बताया जा रहा है. इस भूमिका को लेकर अटकलें 2006 से तेज हो गई. तब ईरान ने कथित रूप से संगठन के संभावित भावी नेता के रूप प्रमोशन किया था.