पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आपराधिक मामले के आरोपों में अटलांटा जेल में सरेंडर करने के 20 मिनट बाद 2 लाख डॉलर के बॉन्ड पर रिहा कर दिया गया. इस दौरान जेल में डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीर या मगशॉट भी लिया गया, जिसे जारी किया गया है.
फुल्टन काउंटी जेल रिकॉर्ड के मुताबिक कैदी नंबर- P01135809 डोनाल्ड ट्रंप की लंबाई छह फुट तीन इंच, वजन 97 किलोग्राम और बाल सुनहरे या स्ट्रॉबेरी बताए गए हैं. ट्रंप पर जॉर्जिया में अपनी 2020 की चुनावी हार को पलटने की कोशिश की साजिश का आरोप है.
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपना मग शॉट एक्स (पहले ट्विटर) पर शेयर किया. ट्रम्प ने अपने न्यू जर्सी गोल्फ क्लब में वापस लौटने से पहले जेल में केवल 20 मिनट बिताए. अटलांटा के हर्ट्सफील्ड-जैक्सन हवाई अड्डे पर अपने निजी विमान में चढ़ने से पहले डोनाल्ट ट्रंप ने अपना दावा दोहराया कि उनके साथ-साथ दूसरे लोगों पर भी मुकदमा चलाना राजनीति से प्रेरित है.
डोनाल्ट ट्रंप ने रिपोर्टरों से कहा कि ‘यहां जो कुछ हुआ है वह न्याय का मखौल है. मैंने कुछ भी गलत नहीं किया और यह बात हर कोई जानता है.’ 77 साल के ट्रंप पहले ही आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बन चुके हैं. इसके बावजूद ट्रंप अगले साल व्हाइट हाउस के लिए एक और चुनाव अभियान भी शुरू कर रहे हैं.
डोनाल्ड ट्रंप का मग शॉट लिया जाना अमेरिकी इतिहास की एक असाधारण घटना है. इससे पहले तीन दूसरे आपराधिक मामलों में मौजूदगी दर्ज कराने के समय उनको मगशॉट या एक तस्वीर खिंचवाने की जरूरत नहीं पड़ी थी. ट्रंप इस साल अपनी पिछली गिरफ्तारियों के दौरान मगशॉट लिए जाने से बचने में सफल रहे थे.
इनमें न्यूयॉर्क में एक पोर्न स्टार को गुप्त पैसे देने के आरोप में, फ्लोरिडा में टॉप सीक्रेट सरकारी दस्तावेजों को गलत तरीके से रखने के आरोप में और वाशिंगटन में 2020 डेमोक्रेट जो बाइडेन से चुनाव में हार को विफल करने की साजिश रचने के आरोप में हुईं गिरफ्तारियां शामिल हैं.
लेकिन फुल्टन काउंटी के शेरिफ पैट लैबैट ने कहा कि जॉर्जिया में मानक प्रक्रिया यह है कि प्रतिवादी को बांड पर रिहा करने से पहले उसकी तस्वीर ली जाए. ट्रंप के मामले में 200,000 डॉलर का बॉन्ड तय किया गया.
मगशॉट कंधे से ऊपर तक एक शख्स का फोटो है, जो आमतौर पर किसी आरोपी या सजा मिल चुके शख्स की गिरफ्तारी के बाद लिया जाता है. मगशॉट का मूल उद्देश्य कानून लागू करने वाली एजेंसियों के जरिये गिरफ्तार किए गए शख्स का फोटोग्राफिक रिकॉर्ड रखना है. जिससे पीड़ितों, जनता और जांचकर्ता उसकी पहचान कर सकें.
अपराधियों की तस्वीरें खींचना फोटोग्राफी के आविष्कार के कुछ ही साल बाद शुरू हो गया था. बाद में इसे पुलिस की औपचारिक कार्रवाई का एक हिस्सा बना दिया गया.