पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लाहौर स्थित अपने घर पर सेहत लाभ ले रहे हैं, इस दौरान उनके रुख में बेहद तब्दीली देखी जा रही है. भारत के प्रति रुख नरम करने के बाद अब उन्होंने अमेरिका को लेकर नरमी दिखाई है.
दरअसल, इमरान खान अमेरिका पर उन्हें पाकिस्तान की सत्ता से बेदखल करने के लिए साजिश रचने का आरोप लगाते रहे हैं. यहां तक कि इमरान खान मीडिया में खुले तौर पर अमेरिका के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं.
अब इमरान खान ने कहा है कि वह फिर से चुने जाने पर अमेरिका के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें बेदखल करने के लिए उसे दोषी नहीं ठहराते हैं. इसी महीने अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले के बाद इमरान खान सेहत लाभ लेते हुए कई मीडिया संस्थानों को इंटरव्यू दे रहे हैं.
एक ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को दिए साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि वह अब अमेरिका को दोष नहीं देते हैं और दोबारा चुने जाने पर सम्मानजनक संबंध चाहते हैं. उल्लेखनीय है कि इमरान के साजिश वाले आरोप से पीएम शहबाज शरीफ और अमेरिका दोनों इनकार करते आए हैं.
इमरान खान ने कहा, ”जहां तक मेरा सवाल है, बात खत्म हो गई है, यह मुझ पर निर्भर है.” अखबार ने इमरान खान के हवाले से लिखा, ”जिस पाकिस्तान का नेतृत्व मैं करना चाहता हूं, उसके सभी के साथ अच्छे संबंध होने चाहिए, खासकर अमेरिका के साथ. अमेरिका के साथ हमारा संबंध मालिक-नौकर या स्वामी-दास के रिश्ते के रूप में रहा है और हमें किराये की बंदूक की तरह इस्तेमाल किया गया है लेकिन उसके लिए मैं अमेरिका से ज्यादा अपनी सरकारों को दोष देता हूं.”
70 वर्षीय इमरान खान इसी साल अप्रैल में विश्वास मत हार गए थे और उन्हें पीएम की कुर्सी गंवानी पड़ी थी. इमरान ने मौजूदा पीएम शहबाज शरीफ और अमेरिका के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया था. इमरान खान ने मध्य और दक्षिण एशिया के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू का नाम लेते हुए उन पर पाकिस्तानी राजदूत को धमकाने का आरोप लगाया था.
इमरान ने कहा था कि लू ने अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत असद मजीद को धमकी दी थी कि अविश्वास मत के जरिये इमरान खान को नहीं हटाए जाने के परिणाम गंभीर होंगे. इमरान ने इस संबंध में दूतावासों के बीच संवाद के लिए इस्तेमाल होने वाले साइफर (कोड संदेश) हाथ लगने का दावा किया था.
इसी साल मई में पाकिस्तानी अखबार डॉन ने कहा था कि इमरान खान ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में लू को बर्खास्त करने की मांग की. उन्होंने कहा था, ”कल्पना कीजिए कि 22 करोड़ की आबादी वाले देश के राजदूत से यह कहना कि आप अपने प्रधानमंत्री से छुटकारा पा लीजिए.”
इमरान ने दावा किया था कि उनके खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव विदेशी साजिश का परिणाम था क्योंकि इस्लामाबाद, चीन और रूस जैसे देशों के साथ अपनी स्वतंत्र विदेश नीति अपना रहा था. उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए विदेश से फंड भेजा रहा था.