वाशिंगटन| अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है. ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि उन्हें ऑफिस छोड़ने के बाद गोपनीय दस्तावेजों को रखने के मामले में आरोपी बनाया गया है. ये ट्रंप के लिए सबसे गंभीर कानूनी खतरा है, क्योंकि इस आपराधिक मामले की जांच से व्हाइट हाउस के दूसरे कार्यकाल के लिए उनकी कोशिशों को गंभीर खतरा पैदा हो गया है.
डोनाल्ड ट्रम्प का कहना है कि उनके वकीलों को बताया गया है कि उन्हें गोपनीय दस्तावेजों की जांच में आरोपित किया गया है. हालांकि न्याय विभाग ने अभी तक इस अभियोग की पुष्टि नहीं की है. सूत्रों के मुताबिक गोपनीय दस्तावेजों की जांच के सिलसिले में डोनाल्ड ट्रंप पर 7 आरोप लगाए गए हैं. अभियोग से परिचित लेकिन इसके बारे में सार्वजनिक रूप से बोलने के लिए अधिकृत नहीं होने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि आरोप अभी अस्पष्ट हैं और सीलबंद हैं.
ट्रंप ने अपने प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि ‘भ्रष्ट बाइडेन प्रशासन ने मेरे वकीलों को बताया है कि मुझ पर अभियोग लगाया गया है. शायद ही मौजूदा या पूर्व कमांडर-इन-चीफ को कभी भी संघीय आरोपों का सामना करना पड़ा है.’ बहरहाल ट्रंप के इस दावे के बारे में न्याय विभाग की ओर से तत्काल कोई पुष्टि नहीं की गई. हालांकि न्यूयॉर्क टाइम्स सहित कुछ अमेरिकी मीडिया आउटलेट्स ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि ट्रंप को वास्तव में आरोपी बनाया गया है. फिर से राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ में शामिल ट्रंप ने अपनी पोस्ट में कहा कि उन्हें मंगलवार को मियामी में एक संघीय अदालत में बुलाया गया है.
ट्रंप ने लिखा कि ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह संभव है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति के साथ ऐसा हो सकता है.’ ट्रंप की घोषणा अमेरिकी मीडिया के उस बयान के एक दिन बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि संघीय अभियोजकों ने पूर्व राष्ट्रपति के वकीलों को सूचित किया है कि वह गोपनीय दस्तावेजों को रखने की जांच का टारगेट हैं.
गुरुवार को यह साफ नहीं हो पाया कि ताजा मामले में ट्रंप पर क्या आरोप लगाए जा रहे हैं. अगले हफ्ते 77 साल के हो रहे ट्रंप ने बार-बार किसी भी गलत काम से इनकार किया है.