बांग्लादेश में जब से सत्ता परिवर्तन हुआ है, तब से पूरे देश में भारत विरोधी लहर देखने को मिल रही है. यहां पर अंतरिम सरकार की ओर से भी इसे हवा मिल रही है. मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार सार्क संगठन के पक्ष में माहौल बनाने में जुटी है. इस मामले में भारत ने बांग्लादेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि उसे आतंकवाद जैसे मामलों को सामान्य तौर पर नहीं लेना चाहिए. इस बात को स्वयं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश सरकार में विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन से कही है. इस बात की पुष्टि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने की है.
विदेश मंत्रालय की ओर से अंतरिम सरकार के कुछ सलाहकारों से नाराजगी व्यक्त की गई है. वे भारत के हितों के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. कहा गया कि इस तरह से द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के प्रयास को नुकसान होगा. जायसवाल के अनुसार, विदेश मंत्री जयशंकर ने बांग्लादेश के तौहीद हुसैन से मस्कट (दोहा) में मुलाकात की थी. उस समय बांग्लादेश का मामला उठा था. विदेश मंत्री जयशंकर ने इस दौरान स्पष्ट किया कि बांग्लादेश को आतंकवाद के मामले को हल्के में नहीं लेना चाहिए.
बता दें कि सार्क देशों की बैठक वर्ष 2016 से स्थगित है. तब भारत पर कई आतंकी हमलों में पाकिस्तान के हाथ होने की बात सामने आई थी. तब भारत के अलावा अफगानिस्तान, बांग्लादेश समेत दूसरे सार्क सदस्यों ने दिसंबर, 2016 में इस्लामाबाद में होने वाली सार्क शिखर सम्मेलन का बहिष्कार किया था. इसमें हिस्सा न लेने का निर्णय लिया गया था.
मोहम्मद यूनुस ने अगस्त 2024 में सत्ता संभाली. इसके कुछ दिनों बाद पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से टेलीफोन पर बातचीत की. इस दौरान सार्क संगठन को दोबारा से शुरू करने का समर्थन भी किया. इसके बाद दोनों नेताओं की मुलाकात भी हुई. तब भी दोनों के बीच सार्क की बात हुई थी.
बांग्लादेश लगातार यह संकेत दे रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ है. वह कई मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ खड़ा नजर आ रहा है. पूर्व पीएम शेख हसीना के समय आंतरिक सुरक्षा का हवाला देते हुए पाकिस्तान के जिन आयातों पर रोक लगाई गई, उसे खोला दिया गया है. अब पाकिस्तानी नागरिकों को लेकर सुरक्षा मंजूरी लेने की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है.