रबात|…. मोरक्को में 8 सितंबर की रात को आए 6.8 तीव्रता के भूकंप ने इस अफ्रीकी देश में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है. इस प्राकृतिक आपदा के बाद मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अब तक 2000 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. भूकंप आने के 48 घंटे बाद भी राहत एवं बचाव कार्य जारी है. मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. हजारों घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
सैकड़ों इमारतों के जमींदोज होने के कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं. अल जजीरा के अनुसार मोरक्को में 3 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है. मोरक्कन सेना के एक बयान के अनुसार, वहां के किंग मोहम्मद VI ने सशस्त्र बलों को स्पेशल सर्च एंड रेस्क्यू टीम और एक सर्जिकल फील्ड हॉस्पिटल तैनात करने का निर्देश दिया है.
मोरक्को के हाई एटलस पर्वतों को हिलाने वाले भूकंप के केंद्र के निकटतम शहर मराकेश में कई ऐतिहासिक संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं. लेकिन अधिकांश मौतें अल-हौज और तरौदंत प्रांतों के दक्षिण में पहाड़ी क्षेत्रों में दर्ज की गई हैं. इस बीच, खोज एवं बचाव दल मलबा हटाने और सड़कें साफ करने में जुटा है. भूकंप की गहराई 18.5 किमी मापी गई है.
दक्षिण में सिदी इफनी से लेकर उत्तर में रबात और उससे भी आगे तक तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र एक प्रमुख आर्थिक केंद्र शहर मराकेश से 72 किलोमीटर पश्चिम में था. तुर्किये आपदा और आपातकालीन प्रबंधन विभाग (AFAD) का कहना है कि उसने मोरक्को से इमरजेंसी अलर्ट मिलने की स्थिति में चिकित्सा, राहत, खोज और बचाव एजेंसियों के 265 सदस्यों को अलर्ट पर रखा है.
रबात में अधिकारियों से अनुरोध मिलने पर मोरक्को ले जाने के लिए एक हजार तंबू आवंटित किए गए हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरक्को में तीव्र भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया था. उन्होंने X पर लिखा था ‘मोरक्को में भूकंप के कारण जानमाल के नुकसान से बेहद दुखी हूं. इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं मोरक्को के लोगों के साथ हैं. उन लोगों के प्रति संवेदना जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. भारत इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है.’