यूरोप के दौरे के तहत फ्रांस पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर भारत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने पेरिस में इंडिया-भारत नाम विवाद और हिंदुत्व जैसे मुद्दों पर बात की और कहा कि जो लोग किसी चीज का नाम बदलना चाहते हैं वे इतिहास को नकारने की कोशिश कर रहे हैं.
राहुल ने कहा, “हमारे संविधान में इंडिया को ‘डैट इज भारत’ को राज्यों के एक संघ के रूप में परिभाषित किया गया है. भारत इन राज्यों से मिलकर इंडिया या भारत बना है. सबसे अहम बात यह है कि इन राज्यों में शामिल सभी लोगों की आवाज सुनी जाती है और किसी भी आवाज को कुचला या डराया नहीं जाता है.”
राहुल गांधी ने कहा, “मैंने गीता पढ़ी है, उपनिषद पढ़ा है और कई अन्य हिंदू किताबें भी पढ़ी हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) जो करती है उसमें कुछ भी हिंदूवादी नहीं है. इंडिया यानी भारत राज्यों का एक संघ है. जो लोग किसी चीज का नाम बदलना चाहते हैं वे मूल रूप से इतिहास को नकारने की कोशिश कर रहे हैं.”
छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि मैंने इस बारे में बात की कि कैसे ‘इंडिया, डैट इज भारत’, अपने सभी लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है और कैसे एक डिसेंट्रलाइज और डेमोक्रेटिक भारत की एक नई राजनीतिक दृष्टि आगे बढ़ने का रास्ता है.
राहुल गांधी ने यह बयान उस समय दिया, जब वह पेरिस स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स के छात्रों और टीचर्स से चर्चा कर रहे थे. इस बातचीत की अध्यक्षता प्रतिष्ठित राजनीतिक वैज्ञानिक और सेंटर ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के निदेशक प्रोफेसर क्रिस्टोफ जाफरलॉट ने की और अरंचा गोंजालेज ने इसका संचालन किया.
इससे पहले कांग्रेस सांसद ने केंद्र सरकार पर जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान लोगों को छुपाने का आरोप लगाया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, “भारत सरकार हमारे लोगों और जानवरों को छिपा रही है. हमारे मेहमानों के सामने भारत की सच्चाई छिपाने की कोई जरूरत नहीं है.”