इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने अपने दामाद ऋषि सुनक को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनाए जाने पर पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें उन पर गर्व है और हम उनकी सफलता की कामना करते हैं.’’ सुनक ने रविवार को कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व पद की दौड़ में जीत हासिल की और अब वह ब्रिटेन के भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री बनने को तैयार हैं.
मूर्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ को ईमेल के माध्यम से दी गई अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘ऋषि को बधाई. हमें उन पर गर्व है और हम उनकी सफलता की कामना करते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि वह ब्रिटेन के लोगों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे.’’
एक फार्मासिस्ट मां और डॉक्टर पिता के बेटे सुनक की शिक्षा इंग्लैंड के सबसे प्रसिद्ध स्कूलों में से एक विनचेस्टर और फिर ऑक्सफोर्ड में हुई थी. उन्होंने गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक कंपनी में तीन साल काम किया और बाद में कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड से एमबीए किया, जहां उनकी मुलाकात इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई. उन्होंने 2009 में अक्षता से शादी की और दंपति की दो बेटियां कृष्णा और अनुष्का हैं.
ऐसे कई मौके आए जब सुनक की ‘भारतीयता’ झलकी है और उन्होंने जाहिर किया है कि उनका दिल भारत में बसता है. उत्तरी लंदन में कंजर्वेटिव फ्रेंड्स ऑफ इंडिया (सीएफआईएन) डायस्पोरा संगठन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भी ऐसा ही देखने को मिला था. वहां ऋषि सुनक ने अपने संबोधन की शुरुआत- “नमस्ते, सलाम, केम छो और किड्डा” जैसे पारंपरिक अभिवादन के शब्दों को चुनकर किय़ा. यहां तक कि उन्होंने अपने भाषण में हिन्दी में कहा था कि ‘आप सब मेरे परिवार हो.’