चीन के आर्थिक हालात अभी भी डांवाडोल है. निर्यात आधारित चीन की इकोनॉमी को एक और झटका लगा है. उसका निर्यात मई में 7.5 फीसदी घट गया है. वहीं उसके आयात में भी 4.5 फीसदी की गिरावट आई है. आयात और निर्यात के आंकड़ों से साफ है चीन की इकोनामी में अभी रिवाइवल नहीं दिख रहा है.
सीमा शुल्क विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मई में चीन का निर्यात घटकर 283.5 अरब डॉलर रह गया है. और उसका आयात भी घटकर 217.7 अरब डॉलर रह गया है. चीन को परेशान करने वाली बात यह है कि अप्रैल के महीने में निर्यात में 8.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. उसके बावजूद मई में निर्यात में गिरावट आ गई है.
दिसंबर में चीन ने कोरोना वायरस की वजह से सख्त किए गए उपायों को वापस ले लिया था. उसके बावजूद व्यापार आंकड़ों में गिरावट से पता चलता है कि चीन की इकोनॉमी की रफ्तार सुस्त पड़ी है.आंकड़ों के अनुसार, चीन में खुदरा खर्च उम्मीद से कम है . उपभोक्ता इकोनॉमी के हालात तथा रोजगार में कमी और छंटनी को लेकर आशंकित हैं. इसके अलावा अमेरिका और यूरोप में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की वजह से मांग घटी है जिससे मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां भी सुस्त पड़ी हैं.
अप्रैल में सरकार के एक सर्वे में यह तथ्य सामने आया था कि शहरों में पांच में से एक युवा कामगार बेरोजगार है.आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका को चीन का निर्यात मई में 18.2 प्रतिशत घटकर 42.5 अरब डॉलर पर आ गया है. वहीं अमेरिकी वस्तुओं का आयात भी 9.9 प्रतिशत की गिरावट के साथ 14.3 अरब डॉलर रहा है. अमेरिका के साथ चीन का व्यापार अधिशेष 21.9 प्रतिशत घटकर 28.1 अरब डॉलर रह गया है.
मार्च में समाप्त तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही, जो इससे पिछली तिमाही में 2.9 प्रतिशत रही थी.इस साल के पहले पांच माह में चीन का आयात 6.7 प्रतिशत घटकर 1,000 अरब डॉलर से कुछ अधिक रहा है. वहीं पहले पांच माह में चीन का निर्यात 0.3 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 1,400 अरब डॉलर रहा है.