बलूच लिब्रेशन आर्मी (BLA) ने कहा कि उसने पाकिस्तानी सेना को युद्धबंदियों की अदला-बदली के लिए 48 घंटे का वक्त दिया था. पाकिस्तानी सेना ने चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए सभी बंधकों की हत्या कर डाली गई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी ट्रेन के अपहरण की जिम्मेदारी लेने वाले अलगाववादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का दावा है कि 214 बंधकों को मार डाला गया है. बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच के अनुसार, उन्होंने पाकिस्तानी सेना को 48 घंटे का वक्त दिया था. इस पर उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया.
बीएलए का कहना है कि सेना के लिए अपने कर्मियों की जान बचाने का आखिरी मौका था. हालांकि, पाकिस्तान ने अपनी पारंपरिक जिद रखी है. उन्होंने यहां पर अहंकार को प्रदर्शित किया. उन्होंने गंभीर वार्ता से परहेज किया. उन्होंने जमीनी हकीकत से आंखें मूंद लिया. इसके कारण सभी 214 बंधकों को जान से हाथ धोना पड़ा. बीएलए के अनुसार, पाकिस्तान की “जिद” के कारण उनके लोग मारे गए.
हालांकि, संगठन ने अपने दावे के समर्थन में किसी तरह का सबूत नहीं दिया है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी के अनुसार, सैनिकों ने 33 आतंकवादियों को मार गिराया. 354 बंधकों को छुड़ाया. उन्होंने कहा कि बीएलए की ओर से किसी अन्य बंधक के पकड़े जाने के सबूत नहीं है. पाकिस्तानी अधिकारियों ने बीएलए दावे को पूरी तरह से नकार दिया.
बीते मंगलवार को बीएलए के आतंकियों ने रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया था. जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर गोलीबारी हुई. चौधरी के अनुसार, हमले में 23 सैनिकों, तीन रेलवे कर्मचारियों और पांच यात्रियों समेत कुल 31 लोग मारे गए. उन्होंने भारत और अफगानिस्तान पर विद्रोहियों का समर्थन करने का आरोप लगाया. बताया जा रहा है कि ट्रैक के टूट जाने के कारण ट्रेन को रोकना पड़ा. इसके बाद बीएलए के लड़ाके ट्रेन में चढ़ गए. उन्होंने सबका पहचान पत्र चेक करना शुरू कर दिया. इस दौरान कई लोगों को मार भी डाला. पाकिसतन ने हाल ही में करीब 200 से अधिक ताबूत बलूचिस्तान भेजे. इससे यह पता चलता है कि इस घटना में बहुत सी जानें गई हैं.