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बांग्लादेश में आरक्षण की आग एक बार फिर सड़कों पर फैली, 72 की मौत

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बांग्लादेश में आरक्षण की आग एक बार फिर सड़कों पर फैल गई है. राजधानी ढाका में बड़ी संख्या में युवक हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं. सुबह में शुरुआती हिंसक प्रदर्शन में 72 लोगों की मौत हो गई और 30 लोग घायल हो गए.

वहीं, सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं. प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लागू करने की घोषणा की है.

गौरतलब है कि बांग्लादेश में पिछले महीने नौकरी में आरक्षण को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई थी. एक बार फिर अगस्त महीने में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी इस बार सरकार से आर पार के मूड में है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से अपना इस्तीफा दें.

हसीना सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोधी छात्र आंदोलन कर रहे हैं. विरोध में छात्र, पुलिस और सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ता भी शामिल हैं. आज सुबह एक समूह ने ढाका बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर हमला किया और तोड़फोड़ की. चौकबाजार से कार्यकर्ताओं का एक समूह शाहबाग इलाके में लाठी लेकर इकट्ठा हुआ. उस समय आवामी लीग और छात्र लीग के कार्यकर्ताओं का एक समूह बंगबंधु शेख मुजीबुर मेडिकल यूनिवर्सिटी के सामने नारे लगा रहा था.

दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के सामने आने पर एक-दूसरे पर ईंट-पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. एक समय पर आवामी लीग और छात्र लीग के कार्यकर्ताओं को बीएसएमएमयू में खदेड़ दिया गया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल के गेट तोड़ दिए और आवामी लीग के कार्यकर्ताओं को तितर-बितर कर दिया. इसके बाद उन्होंने अस्पताल परिसर में कई वाहनों में तोड़फोड़ की, कई मोटरसाइकिलों और बसों को जला दिया. उन्होंने अस्पताल की इमारतों पर भी ईंट-पत्थर फेंके और लाठी-डंडों से तोड़फोड़ की.

रविवार की सुबह ढाका के जत्राबारी, सईदाबाद, शोनीर अखरा और रायरबाजार इलाके की ज़्यादातर सड़कें सुनसान थीं और सरकारी दफ़्तरों में जाने वाले लोगों को ले जाने वाले कुछ ही वाहन नज़र आए. गुलिस्तान फ्लाईओवर शनिवार रात को बंद कर दिया गया था और सुबह 11:30 बजे तक यातायात के लिए नहीं खोला गया था. सड़क पर बहुत कम ट्रैफ़िक था और बहुत कम सार्वजनिक परिवहन वाहन थे. ढाका शहर में कोई बस नहीं चल रही थी.


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