बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व पीएम शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया है. शेख हसीना के अलावा 96 लोगों के पासपोर्ट रद्द किए गए हैं. इनमें से ज्यादातर अवामी लीग से जुड़े नेता और कारोबारी हैं. इन पर लोगों को जबरन गायब करने और जुलाई में हुए प्रदर्शन के दौरान हत्या करने के आरोप हैं. इससे साफ है कि अगर शेख हसीना ने भारत छोड़कर बांग्लादेश की ओर जाने की कोशिश की तो तुरंत उन्हें अरेस्ट किया जाएगा.
इससे पहले मंगलवार सुबह ही शेख हसीना और 15 अन्य लोगों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में एक और शिकायत दर्ज की गई. इसमें 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान हुई एक कथित गोलीबारी की बात कही गई है. शफीकुल इस्लाम मुफ्ती की ओर से दायर शिकायत में कहा गया है कि 2021 में जब पीएम मोदी आए थे, तब वहां एक विरोध प्रदर्शन चल रहा था. उस वक्त शेख हसीना की सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें शफीकुल इस्लाम मुफ्ती का 17 साल का बेटा मर गया. कई और निर्दोष लोग मारे गए.
जातीय नागरिक समिति के सदस्य सचिव अख्तर हुसैन ने कहा, हमने शेख हसीना, तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व सांसद राम ओबैदुल मुक्तदिर चौधरी सहित 16 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है. इन लोगों पर चटगांव, ब्राह्मणबारिया और ढाका में कई निहत्थे नागरिकों की हत्या करवाने का आरोप है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार कम से कम 17 लोग मारे गए थे. पीड़ितों को न्याय न मिले, इसके लिए सरकार ने भरपूर कोशिश की थी. उन्होंने कहा, ब्राह्मणबरिया में 7,000 लोगों के खिलाफ लगभग 54 मामले दर्ज किए गए थे और हम आज उन अपराधों की शिकायत दर्ज कराने यहां आए हैं.