सीरिया-तुर्किए-चीन के बाद अब इंडोनेशिया के टोबेले में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इस भूकंप की तीव्रता 6.3 मैग्नीट्यूड की रही. यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंपीय केंद्र (EMSC) ने बताया कि शुक्रवार (24 फरवरी) को इंडोनेशिया में हलमहेरा द्वीप के उत्तर में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया. इस भूकंप की गहराई 100 किमी थी.
बीते दिन गुरुवार (23 फरवरी) को चीन के उईघर प्रांत में भी 7.3 और पूर्वी ताजिकस्तान में 6.8 मैग्नीट्यूड तीव्रता का भूकंप आया था. हालांकि दोनों ही देशों में इतनी अधिक तीव्रता के झटकों के बाद भी जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
यूएसजीएस के मुताबिक ताजिकिस्तान में जहां भूकंप आया है वह इलाका विशाल पामीर पर्वत चोटियों से घिरा है ऐसे में भूकंप से भूस्खलन हो सकता है लेकिन इसमें जान-माल का अधिक नुकसान नहीं होगा क्योंकि यहां पर नहीं के बराबर
आबादी रहती है.
भारत ने की थी मदद की पेशकश
ताजिकिस्तान में आए 6.8 तीव्रता के भूकंप के बाद पीएम मोदी ने ताजिकिस्तान की मदद का आश्वासन दिया. अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्थिति की जानकारी ली है और वह ताजिकिस्तान में भूकंप के प्रभाव से संबंधित घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए हैं. भारतीय अधिकारियों ने बताया कि वह ताजिकिस्तान के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं.
सीरिया-तु्र्किए में भूकंप से तबाही
मिडिल ईस्ट के दो देशों सीरिया और तुर्किए में 6 फरवरी को आए भूकंप से अब तक कुल 47000 लोगों की मौत हो गई है तो वहीं 5 लाख लोग बेघर हो गए हैं. यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की में 15 लाख लोग बेघर हो गए और देश में लगभग 5 लाख घरों का निर्माण करना होगा.
यूएनडीपी की तुर्की निवासी प्रतिनिधि लुइसा विंटन ने मंगलवार को एक ऑनलाइन प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि देश की सरकार ने भूकंप से प्रभावित लगभग 70 प्रतिशत इमारतों का निरीक्षण किया था. इनमें से 118,000 इमारतों में 412,000 आवास इकाइयां ढह गई हैं या उनको पूरी तरह से गिराने की जरूरत है.