अमेरिकी बाइडेन प्रशासन ने चीन की सरकार को एक और बड़ा झटका दिया है. यूएस कॉमर्स डिपार्टमेंट ने चीन की उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्र की 36 कंपनियों को निर्यात नियंत्रण वाली काली सूची में डाला है. अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा, अमेरिकी हितों और मानवाधिकारों पर चिंता जताते हुए यह कदम उठाया है. इन कंपनियों में विमानन उपकरण, रसायन और कंप्यूटर चिप विनिर्माता शामिल हैं.
किसी कंपनी को व्यापार ‘एन्टिटी लिस्ट’ में शामिल करने का मतलब है कि उनके साथ व्यापार करने वाली किसी भी अमेरिकी कंपनी के निर्यात लाइसेंस को रद्द कर दिया जाएगा. माना जा रहा है कि चीन की सेना को अत्याधुनिक कंप्यूटर चिप और हाइपरसोनिक हथियारों जैसी उन्नत तकनीकों को हासिल करने से रोकने के लिए ये प्रतिबंध लगाए गए हैं. जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनकी सूची शुक्रवार को प्रकाशित हुई.
चाइनीज टेक्नोलॉजी के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों से जुड़ी यह नई कार्रवाई है. इसकी शुरुआत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में हुई और प्रेसिडेंट जो बिडेन के प्रशासन में भी यह सिलसिला जारी है. वहीं, बाइडेन प्रशासन सेमीकंडक्टर्स और अन्य उन्नत तकनीकों के लिए अमेरिकी विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए आगे बढ़ रहा है.
इससे पहले अमेरिका ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का हवाला देते हुए चीनी दूरसंचार उपकरणों पर प्रतिबंध लगा दिया था. इनमें Huawei, ZTE समेत पांच चीनी कंपनियों द्वारा बनाए गए संचार उपकरणों की बिक्री पर बैन शामिल है. बाइडेन प्रशासन ने कहा कि ये चीनी उपकरण अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘अस्वीकार्य जोखिम’ पैदा करते हैं.
अमेरिका के इस फैसला के बाद अब ये पांचों कंपनियां न तो चीन से माल मंगवाकर अमेरिका में बेच सकती हैं और न ही इनके प्रोडक्ट को अमेरिका में बिक्री के लिए मंजूरी मिलेगी. बता दें कि अमेरिकी ये कार्रवाई और फैसले ऐसे समय में ले रहा है जब चीन के साथ उसके संबंध और भी बिगड़ते जा रहे हैं. अमेरिका को आशंका है कि बीजिंग अमेरिकियों की जासूसी करने के लिए चीनी तकनीकी कंपनियों का उपयोग कर सकता है.