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इंडोनेशिया के बाद अब सोलोमन आइलैंड में जोरदार भूकंप, सुनामी की चेतावनी-7.0 रही तीव्रता

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सांकेतिक फोटो

इंडोनेशिया के बाद अब सोलोमन आइलैंड में जोरदार भूकंप आया है. सोलोमन आइलैंड के मलांगो में आज सुबह-सुबह धरती डोल उठी. बताया गया कि यह भूकंप काफी जोरदार था, क्योंकि रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.0 मापी गई. भूकंप सुबह 7.33 बजे महसूस हुआ, जिसके बाद लोग घरों से बाहर भागते दिखे. भूकंप के कारण सुनामी की चेतावनी जारी करनी पड़ी.

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र राजधानी होनियारा से करीब 56 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में समुद्र की 13 किलोमीटर की गहराई में था. प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र के मुताबिक, भूकंप से सोलोमन द्वीप पर समुद्र में खतरनाक लहरें उठ सकती हैं, लेकिन उसने व्यापक स्तर पर सुनामी के खतरे का अंदेशा नहीं जताया. सोलोमन द्वीप भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है.

इंडोनेशिया में भूकंप से अब तक 162 लोगों की मौत
इससे पहले इंडोनेशिया के मुख्य द्वीप जावा में सोमवार को आए भीषण भूकंप और उसके बाद आए झटकों के कारण कई मकान गिर गए. भूकंप जनित हादसों से इंडोनेशिया में अभी तक कम से कम 162 लोगों की मौत हुई है, जबकि सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं. भूकंप से दर्जनों इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और अपनी जान बचाने के लिए सड़कों और गलियों में भाग रहे लोगों में से कई घायल और खून से लथपथ नजर आए.

जावा के गवर्नर रिदवान कामिल ने बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़कर 162 हो गई है. उन्होंने कहा कि मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं. उन्होंने बताया कि भूकंप के वक्त पब्लिक स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे अपनी पढ़ाई खत्म होने के बाद इस्लामिक स्कूल में तालीम ले रहे थे. सियांजुर में सबसे बड़ी संख्या में इस्लामिक आवासीय स्कूल और मस्जिद हैं.

अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने कहा कि 5.4 तीव्रता का भूकंप पश्चिम जावा प्रांत के सियांजुर क्षेत्र में 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई में केंद्रित था. इंडोनेशिया की मौसम एवं जलवायु विज्ञान और भूभौतिकीय एजेंसी के मुताबिक, भूकंप आने के बाद 25 झटके और दर्ज किए गए. विशाल द्वीपसमूह राष्ट्र में अक्सर भूकंप आते हैं, लेकिन जकार्ता में उन्हें महसूस करना असामान्य है. इंडोनेशिया की आबादी 27 करोड़ से अधिक है और यह भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट तथा सुनामी से अक्सर प्रभावित होता रहता है.




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