इन दिनों हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में हालात कुछ ठीक नहीं है. वहां ट्रेन हाइजैक की घटना के बादं विद्रोही संगठन बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी यानी बीएलए के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आए दिन पाकिस्तान आर्मी के काफिले पर बलूचिस्तान में हमले हो रहे हैं. ऐसे में पाकिस्तान आर्मी के जवानों में भी इस वक्त दहशत का माहौल है. अब शहबाज शरीफ और पाक आर्मी के प्रमुख आसिफ मुनीर के लिए सेना को एकजुट रख पाना भी मुश्किल साबित हो रहा है. काबुल फ्रंटलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान की सेना पर हुए हमलों के बाद 2,500 जवान फोर्स छोड़ दी है.
विश्वसनीय सूत्रों का हवाला देते हुए न्यूज वेबसाइट ने दावा किया कि सेना के भीतर बढ़ती असुरक्षा, लगातार सैनिकों की मौत और पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के कारण पाक आर्मी के जवान घबराए हुए हैं. कई सैनिक पाकिस्तान में अपनी जान जोखिम में डालने के बजाय सऊदी अरब, कतर, कुवैत और यूएई जैसे देशों में काम करने का विकल्प चुनकर विदेश में वित्तीय सुरक्षा चुन रहे हैं. पाकिस्तानी सेना के भीतर स्थिति कथित तौर पर गंभीर है, सैनिक लगातार जारी हिंसा और असुरक्षा का सामना करने के लिए अनिच्छुक हैं.
बिगड़ती सुरक्षा स्थिति सेनिकों के मनोबल को प्रभावित कर रही है, और बड़े पैमाने पर पलायन सेना की ताकत और परिचालन क्षमताओं के बारे में चिंताएं पैदा करता है. हाल की घटनाओं जैसे कि बलूचिस्तान में ट्रेन हाइजैक और नोशकी में सैन्य काफिले पर हमला ने हर किसी की चिंता को बढ़ा दिया है. दोनों घटनाओं में बड़ी संख्या में सैनिक हताहत हुए, जिससे सैनिकों को विदेश में वैकल्पिक रोजगार की तलाश करनी पड़ी. न तो पाकिस्तानी मीडिया और न ही सेना ने आधिकारिक तौर पर इस्तीफों को स्वीकार किया है.
एक दिन पहले ही पाकिस्तान नेशनल पार्टी यानी PNP के सांसद फुलैन बलोच ने यह दावा किया था कि बीएलए ने इतने ज्यादा आत्मघाती हमलावरों की भर्ती कर लिया है कि उसने फिलहाल के लिए अस्थायी रूप से इन भर्तियों को दिया दी है. बलूचिस्तान में बढ़ता विद्रोह यह दिखाता है कि इलाके की स्थिरता चरमरा चुकी है. जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर सहसी हमले को अंजाम देकर बीएलए ने हाल के समय में अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है. विद्रोहियों ने रेलवे ट्रैक पर विस्फोटक लगाए, ट्रेन पर हमला किया और लगभग 450 यात्रियों को बंधक बना लिया.