UCC के प्रावधान से पति के अलावा पत्नी भी इस आधार पर ले सकेगी तलाक

समान नागरिक संहिता में अब पत्नी को भी पति के साथ समान अधिकार मिले हैं, जिसका अर्थ है कि वह चाहे तो पति के साथ तलाक ले सकती हैं। पति की तरह, तलाक के लिए पत्नी की भी एक से अधिक पति होने, दुष्कर्म का दोषी होने, क्रूरता, किसी अन्य के साथ संभोग या लगातार दो वर्ष तक दूरी बनाए रखने जैसे कारण हो सकते हैं।

यूसीसी के तहत, पति और पत्नी मिलकर तलाक की याचिका दाखिल कर सकते हैं, यदि वे एक साल या उससे अधिक समय से अलग-अलग रह रहे हैं। वे साथ नहीं रह सकते हैं और यह आधारित करके याचिका दाखिल करने के छह महीने बाद और उस तिथि से 18 महीने के पूर्व दोनों पक्षों द्वारा किए गए प्रस्ताव पर, यदि याचिका वापस नहीं ली गई है। न्यायालय पक्षों की सुनवाई और जांच के बाद तलाक का आदेश जारी करेगा।

पत्नी तलाक के इस आधार पर याचिका दाखिल कर सकती है

  • पति ने विवाह के बाद दुष्कर्म या किसी अन्य प्रकार के अप्राकृतिक संभोग का दोषी रहा हो।
  • यूसीसी लागू होने से पहले पति की एक से अधिक पत्नियां हों।
  • नपुंसकता या जानबूझकर विवाहेतर संभोग न करने पर।
  • याचिकाकर्ता की सहमति बलपूर्वक या धोखाधड़ी से लेने पर।
  • पत्नी विवाह के समय किसी अन्य पुरुष से गर्भवती हो या पति ने विवाह के समय पत्नी के अलावा किसी अन्य महिला को गर्भवती किया हो।
  • पति या पत्नी ने अपने धर्म से अन्य किसी में धर्म परिवर्तन कर लिया हो।
  • पति या पत्नी मानसिक विकार से पीड़ित रहा हो।
  • पति या पत्नी असाध्य संचारी यौन रोग से पीड़ित हो।
  • भरण-पोषण के आदेश का एक वर्ष तक पालन करने में असमर्थ रहा हो।

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