उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश से गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इस बढ़ते जलस्तर ने न केवल ऋषिकेश में बल्कि हरिद्वार में भी चिंता बढ़ा दी है. घाटों पर जलस्तर बढ़ने से श्रद्धालुओं और यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है. एसडीआरएफ की टीमें लगातार लोगों को घाटों से हटाने और सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य कर रही हैं. प्रशासन द्वारा जारी चेतावनियों के बावजूद कुछ लोग अभी भी खतरे का सामना कर रहे हैं, जिसे देखते हुए एसडीआरएफ की टीमों ने सक्रिय रूप से काम करना शुरू कर दिया है.
गंगा नदी के किनारे स्थित ऋषिकेश और हरिद्वार में सुरक्षा के दृष्टिकोण से एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं. ये टीमें लगातार घाटों पर जाकर श्रद्धालुओं को सूचित कर रही हैं कि वे जलस्तर के बढ़ते खतरे को देखते हुए सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं. एसडीआरएफ के अधिकारी मुनादी करके लोगों को सचेत कर रहे हैं और उन्हें घाटों से दूर हटने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. इस आपात स्थिति में एसडीआरएफ की त्वरित कार्रवाई से कई लोगों की जान बचाई जा रही है.
मौसम विभाग ने उत्तराखंड में आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं. प्रशासनिक तैयारियों में एसडीआरएफ की टीमें भी शामिल हैं, जो नदियों के किनारे तैनात हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य कर रही हैं. इस दौरान प्रशासन ने घाटों पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं और यात्रियों को किसी भी अप्रिय घटना से बचाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं.
लगातार हो रही बारिश और बढ़ते जलस्तर के बीच राहत और बचाव कार्यों में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं. पहाड़ी इलाकों में बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं भी हो रही हैं, जिससे सड़कों पर आवागमन प्रभावित हो रहा है. इस परिस्थिति में एसडीआरएफ की टीमें कड़ी मेहनत कर रही हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके.
एसडीआरएफ के कर्मचारी निरंतर लोगों को घाटों से हटाने और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभियान चला रहे हैं. उनका यह कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि बढ़ते जलस्तर के कारण कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है. प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं और यात्रियों से अपील की है कि वे सुरक्षा निर्देशों का पालन करें और घाटों से दूर रहें.