उत्तरकाशी| पिछले दो सप्ताह से निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए वर्टिकल रास्ता तैयार करने के लिए रविवार को सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग शुरू कर दी गयी . अधिकारियों ने यहां बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन के टूटने के एक दिन बाद लंबवत ड्रिलिंग शुरू की गयी है.
राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने यहां संवाददाताओं को बताया कि लंबवत ड्रिलिंग शुरू कर दी गयी है और 15 मीटर का हिस्सा ड्रिल किया जा चुका है.
अहमद ने मीडिया को बताया कि अगर इसमें कोई अड़चन नहीं आयी तो इस रास्ते से फंसे श्रमिकों तक पहुंचने में 100 घंटे लगेंगे. अधिकारियों ने पहले कहा था कि बचावकर्मियों को ऊपर से 86 मीटर तक ड्रिल करना होगा. ड्रिल कर रही ऑगर मशीन के ब्लेड मलबे में फंस गए थे जिससे बचाव अभियान में बाधा आ गयी थी .
चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिसमें उसमें काम कर रहे श्रमिक फंस गए थे. उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कई एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है .
बचाव कार्यों में सहयोग के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने बताया कि मलबे में फंसे ऑगर मशीन के हिस्सों को प्लाज्मा कटर और लेज़र कटर से काट कर निकालने का कार्य जारी है.