गढ़वाल उत्‍तरकाशी

सिलक्यारा सुरंग हादसा: सुरंग में आठ दिन से फंसे मजदूर, निकालने के लिए पहाड़ी के ऊपर से ड्रिलिंग शुरू

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उत्तरकाशी| उत्तरखांड में सिलक्यारा सुरंग हादसे के आठवें दिन रविवार को अधिकारियों ने उस पहाड़ी के ऊपर से एक ‘वर्टिकल होल’ बनाने के लिए ड्रिलिंग करनी शुरू कर दी हैं. अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग तक वैकल्पिक रास्ता रविवार दोपहर बाद तक तैयार कर दिया जाएगा और बीते शुक्रवार से रुका हुआ बचाव अभियान दोबारा शुरू हो जाएगा. इस सुरंग के अंदर पिछले करीब एक सप्ताह से सीमित भोजन और संपर्क के साथ 41 श्रमिक फंसे हुए हैं.

प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार और वर्तमान में उत्तराखंड सरकार में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) भास्कर खुल्बे ने सिल्क्यारा में कहा कि ठोस प्रयासों से चार-पांच दिन में अच्छे नतीजे आएंगे. उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर भगवान की कृपा रही तो यह उससे पहले भी हो सकता है.’ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधिकारियों और साइट पर विशेषज्ञों की एक टीम ने 41 लोगों को बचाने के लिए पांच योजनाओं पर एक साथ काम करने का फैसला किया है.

बीआरओ के कमांडिंग ऑफिसर मेजर नमन नरूला ने संवाददाताओं को बताया, ‘हम सुरंग के उपर से वर्टिकल पैदल रास्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं. सुरंग के ऊपर एक ऐसा बिंदु चिह्नित किया गया है जहां से जल्द ड्रिलिंग शुरू की जाएगी. यह पैदल रास्ता एक हजार से 1100 मीटर लंबा है. इसके साथ ही हम यह जानने के लिए भी सर्वेंक्षण कर रहे हैं कि इसमें कितना समय लगेगा. हमारे अनुमान के अनुसार, यह पैदल रास्ता कल (रविवार) अपराह्न तक तैयार हो जाएगा.’

मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग के ढहे हिस्से के मलबे को भेदने के लिए इंदौर से उच्च भेदन क्षमता वाली शक्तिशाली ऑगर मशीन मौके पर पहुंच गई है और इसके हिस्सों को जोड़ा जा रहा है जिससे उसे स्थापित कर दोबारा ड्रिलिंग शुरू की जाए.

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम आलवेदर सड़क परियोजना का हिस्सा है. इस सुरंग का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड कर रही है. पिछले रविवार की सुबह छह बजे सुरंग ढही थी और तब से एक सप्ताह गुजर चुका है और इसके साथ ही बाहर खड़े श्रमिकों के परिजनों का धैर्य भी खोने लगा है.

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