उत्तराखंड के स्थानीय युवक व कैबिनेट मंत्री के बीच हुई हाथापाई मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कार्रवाई की गुहार लगाने पहुंचीं महिला को पुलिस ने मुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिया।
बता दे कि इस दौरान महिलाओं व पुलिस के बीच नोकझोंक व खींचतान भी हुई। इसी के साथ पुलिस महिला को उसके घर ले गई और करीब दो घंटे तक घर में बैठाए रखा। मुख्यमंत्री के देहरादून लौटने पर पुलिस महिला के घर से वापस आई।
हालांकि बीते दो मई को कोयल घाटी के समीप कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और स्थानीय निवासी सुरेंद्र सिंंह नेगी के साथ मारपीट का मामला हुआ था। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ कोतवाली में शिकायत भी दर्ज कराई थी।
बताया जा रहा है कि इसी के साथ बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक कार्यक्रम में शिरकत करने शहर में पहुंचे थे। जिस पर सुरेंद्र सिंह नेगी की पत्नी दमयंती देवी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने गुरुद्वारा पहुंचीं।
जिसके बाद गुरुद्वारा परिसर में सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। दमयंती ने बताया कि वह मुख्यमंत्री से मुलाकात करना चाहती हैं। जिस पर पुलिस बल ने दमयंती सहित अन्य महिलाओं की घेराबंदी कर दी और महिलाओं को गुरुद्वारा परिसर से बाहर ले जाने का प्रयास करने लगे।
हालांकि इस दौरान महिलाओं और पुलिस बल के बीच काफी खींचतान व नोकझोंक भी हुई। पुलिस दमयंती को वाहन में बैठाकर एम्स चौकी ले आई। और यहां से उसे उसके घर ले गई।
जहां पुलिस भी करीब दो घंटे तक बैठी रही। करीब पौने तीन बजे सीएम के हेलीकाप्टर देहरादून के लिए टेक ऑफ होने के बाद पुलिस दमयंती के घर से वापस लौटी।
बताया जा रहा है कि दमयंती ने कहा कि उक्त प्रकरण में पुलिस सरकार के दबाव में काम कर रही है। वह सीएम से कुछ मांगों के संबंध में गई थी। मंत्रद्धी जांच को प्रभावित कर रहे हैं।
इसी के साथ उन्हें तुरंत पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए। वहीं सुरेंद्र ने कहा कि इस प्रकरण में उनके साथ धर्मवीर प्रजापति पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया है। उसका इस प्रकरण से कोई संबंध नहीं है वह तो सिर्फ बाइक चला रहा था।