उत्तराखंड के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में एक जैसा शैक्षणिक कैलेंडर लागू किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया, परीक्षा, परिणाम व दीक्षा समारोह में एकरूपता लाई जाएगी।
हालांकि इसके साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए सभी शिक्षण संस्थानों को नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए कार्यशालाओं के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
बता दे कि रविवार को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा की। बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति आपस में समन्वय कर दो सप्ताह में शैक्षणिक कैलेंडर का ड्राफ्ट तैयार करेंगे, जिसे अगली बैठक में अंतिम रूप देते हुए स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा।
इसी के साथ उन्होंने कहा कि अक्सर देखने में आया है कि विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया से लेकर परीक्षा के आयोजन का कार्य महीनों तक चलता है, जिससे छात्र-छात्राओं की समय पर परीक्षाएं नहीं हो पाती तथा परिणाम घोषित करने में देरी होती है।
हालांकि इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए पूरे प्रदेश में समान शैक्षणिक कलैंडर को लागू कर एकरूपता लाना आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को अपने संबद्ध महाविद्यालयों में अनिवार्य रूप से 180 दिवस कक्षाएं संचालित करनी होंगी।
इसी के साथ छात्र-छात्राओं को पुस्तकालयों में बैठकर अध्ययन करने के लिए प्रेरित करना होगा तथा परीक्षा में बैठने के लिए पूर्व से निर्धारित 75 प्रतिशत उपस्थिति को अनिवार्य रूप से लागू कराया जाएगा।
बता दे कि उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को गुणवत्ता एवं रोजगारपरक बनाने के लिए सभी महाविद्यालयों का नैक मूल्यांकन करना आवश्यक है। इसके लिए प्रदेश भर में कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में दीक्षा समारोह की वेशभूषा व दीक्षा शपथ एक समान होगी।