उत्तराखंड में बेरोजगारी दर में एक साल में 3.5 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है। धामी सरकार ने इसे राज्य में रोजगार के बढ़ते अवसरों का नतीजा बताया है। एनएसओ की जारी रिपोर्ट के आधार पर सरकार का कहना है कि वर्ष 20021-22 में उत्तराखंड में 8.4 प्रतिशत बेरोजगारी दर थी, जो 2022-23 में घटकर 4.9 प्रतिशत रह गई।
इसी के साथ सरकार ने कहा कि तमाम स्तरों पर बड़े पैमाने पर किए जा रहे प्रयासों की वजह से रोजगार के अवसर तेजी से बढ़े हैं। खासतौर पर औद्योगिक निवेश, प्राथमिक क्षेत्र को आगे बढ़ाने के प्रयास, सेवा क्षेत्र आदि में खूब काम मिल रहा है। 2022–23 में 4.2% इजाफे के साथ यह 60.1% तक पहुंच गई है।
बता दे कि वर्ष 2021–22 में उत्तराखंड में महिला श्रम बल की भागीदारी 34.6% थी। एक वर्ष में ही 2022–23 में यह बढ़कर 41.1% पर पहुंच गई। इसमें भी 6.5% की वृद्धि हुई। खास बात यह है कि शहरों में ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर बढ़े।