उत्‍तराखंड

उत्तराखंड: अक्तूबर के आखिर तक लागू हो सकता है यूसीसी कानून, नियमावली में लग रहा है वक्त

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देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का कानून बनाने के बाद, अब उत्तराखंड की धामी सरकार इसे लागू करने की तैयारी में है। यह प्रदेश सामाजिक और कानूनी समानता की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति करेगा। यह संकेत दिया है कि प्रदेश में यूसीसी कानून अक्तूबर के आखिर तक लागू हो सकता है। इस निर्णय से सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून व्यवस्था सुनिश्चित होगी, जो न केवल भेदभाव को समाप्त करेगी, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी मजबूत करेगी।

इस कानून के तहत विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के लिए समान अधिकार और जिम्मेदारियों को सुनिश्चित किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे न्याय की प्राप्ति में तेजी आएगी और प्रदेश में एकता और अखंडता को बढ़ावा मिलेगा।

यूसीसी की नियमावली का ड्राफ्ट तैयार करने का कार्य तेजी से प्रगति पर है। अब तक, इस कार्य का 50 फीसदी से अधिक भाग पूरा हो चुका है और अगले ढाई महीनों में नियमावली को अंतिम रूप देने का लक्ष्य है। हालाँकि, इसे प्रभावी ढंग से लागू करने में कुछ समय और लगेगा क्योंकि पंचायत और नगर निकाय स्तर पर कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी। इस उद्देश्य के लिए गृह विभाग को प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं।

यूसीसी एक्ट के अंतर्गत विवाह और लिव इन संबंधों के लिए पंजीकरण की ऑनलाइन सुविधा भी प्रदान की जाएगी। इस सुविधा के लिए वेबसाइट और पोर्टल बनाने का कार्य 70 फीसदी तक पूरा हो चुका है। यूसीसी की नियमावली बनाने का कार्य पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में गठित नौ सदस्यीय समिति कर रही है। इस समिति को फरवरी के दूसरे हफ्ते में यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह के अनुसार, समिति केवल नियमावली का ड्राफ्ट तैयार करने में ही नहीं बल्कि इसे लागू करने के तकनीकी पहलुओं पर भी काम कर रही है। यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न तकनीकी और प्रशासनिक मुद्दों पर गहराई से विचार किया जा रहा है, ताकि यूसीसी को प्रभावी और सुचारू रूप से लागू किया जा सके।

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