उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता विधेयक की मंजूरी के बाद, एक नया कानून लागू होगा, जिससे उत्तराखंड देवभूमि देश में एक आजाद राज्य के रूप में यूएसीसी को लागू करने का पहला उदाहरण होगा। सूत्रों के अनुसार, इस मसौदे में 400 से अधिक धाराएं हैं, जो पारंपरिक रीति-रिवाजों से उत्पन्न विसंगतियों को सुधारने का उद्देश्य रखती हैं।
समान नागरिक संहिता से हम समझ सकते हैं कि हर भारतीय नागरिक के लिए एक ही न्यायिक सिद्धांत होना चाहिए, जिससे धर्म और जाति का कोई भेदभाव न हो। इससे सारे लोगों के लिए एक समान कानून होगा और सभी समाजिक विवादों का समाधान एक ही रूप में होगा।
इन नियमों मे होगा बदलाव
शादी के लिए कानूनी उम्र 21
बिना रजिस्ट्रेशन, लिव इन रिलेशन में रहने पर अब होगी जेल
विवाह पंजीकरण कराना होगा जरूरी
गोद लेने का नियम बदलेगा
यूसीसी में तलाक लेने की प्रक्रिया