उत्तरकाशी में सिल्क्यारा व डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग के मलबे में दबे 41 मजदूर अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. इस बीच पीएम मोदी ने उत्तराखंड के सीएम धामी से फोन पर बात कर उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में जारी बचाव अभियान की जानकारी ली.
पीएम मोदी ने सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए की जा रही कोशिशों के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए आवश्यक बचाव उपकरण एवं संसाधनों की जानकारी ली. पीएम मोदी इस हादसे के बाद से अब तक सीएम धामी को तीन बार फोन करके रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ले चुके हैं.
बता दें कि इस हादसे को करीब 9 दिन हो चुके हैं. लेकिन अभी तक मजदूरों को मलबे के अंदर से निकाला नहीं गया है. हालांकि रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चलाया जा रहा है. मलबे को हटाने के लिए तरह-तरह की मशीनें लगाई जा रही हैं, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. इस बीच अब सेना की मदद लेने की बात कही जा रही है.
बता दें कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन में पहले से टीमें लगी हुई हैं. वहीं विदेशी टीमों से भी मदद ली जा रही है. सुरंग के अंदर मजदूरों को लंबे समय तक कैद में रखना उनकी भलाई के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा कर रहा है. पीएम के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, 4-5 दिनों में श्रमिकों को बचाए जाने की संभावना है. रविवार को बचाव प्रयास रोक दिए गए और यह निर्णय लिया गया कि लोगों को बचाने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग की जाएगी, जिसके लिए गुजरात और ओडिशा से उपकरण जुटाए गए थे.
सरकार ने रविवार को कहा कि उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जान बचाने के लिए बचाव अभियान आठवें दिन भी जारी है, सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) मजदूरों को बचाने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग करेगा, जिसके लिए उपकरण लगाए गए हैं. भारतीय रेलवे के माध्यम से गुजरात और ओडिशा से मशीनें जुटाई गई हैं.