डॉ. राकेश ने 24 दिसंबर 2021 को छह वर्ष के लिए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष पद संभाला था. काम संभालने के बाद उन्होंने भर्तियों को समय से पूरा करने के लिए कैलेंडर बनवाया. कैलेंडर के हिसाब से उन्होंने 30 परीक्षाएं कराईं। इस बीच उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक होने के बाद राज्य सरकार ने समूह-ग की भर्तियों की जिम्मेदारी भी राज्य लोक सेवा आयोग को सौंप दी.
आयोग ने कम संसाधनों के बीच समूह-ग भर्तियों का भी कैलेंडर बनाया और उसी हिसाब से भर्तियां निकालीं। इनमें से पुलिस कांस्टेबल भर्ती तो पूरी भी हो चुकी है. कई भर्तियां अंतिम चयन परिणाम के करीब हैं. 18 माह के कार्यकाल के बाद डॉ. राकेश ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे की वजह व्यक्तिगत कारण बताए हैं. राजभवन ने इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है.
हालांकि कई तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। डॉ. राकेश कुमार उत्तराखंड कैडर के 1992 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वह अविभाजित उत्तर प्रदेश में सिद्धार्थ नगर और उत्तराखंड में पौड़ी, नैनीताल व देहरादून के डीएम के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 2020 में उन्होंने वीआरएस ले लिया था. इसके बाद सरकार ने उन्हें आयोग की जिम्मेदारी सौंपी थी.
ये रहीं उपलब्धियां
– भर्तियों का वार्षिक कैलेंडर तैयार कराया.
– 30 परीक्षाएं आयोजित कर परिणाम जारी कराए.
– कर्मियों की समय से पदोन्नति को डीपीसी बैठकों के लिए सचिवालय में ही व्यवस्था.
– 110 डीपीसी कराई, इसके बाद एक भी डीपीसी लंबित नहीं बची.
– साक्षात्कार में कोड प्रणाली लागू की. विषय विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ई-पोर्टल लांच कराया.
– कई विभागों में समान प्रकृति के पदों के लिए सम्मिलित परीक्षा का आयोजन सुनिश्चित कराया.
– तेजी से भर्तियां करने के लिए इलेक्शन मोड में परीक्षाओं का आयोजन कराया.
– परीक्षाओं की शुचिता के मद्देनजर डबल लेयर सिक्योरिटी सिस्टम सुनिश्चित किया.