उत्तराखंड: अब एमआरपी से अधिक मूल्य पर शराब बेचने पर दुकान का लाइसेंस होगा सस्पेंड

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उत्तराखंड में शराब की दुकान चला रहे व्यापारियों के लिए बड़ी ख़बर हैं। बता दे कि अब अधिकतम खुदरा मूल्य(एमआरपी) से अधिक दाम पर शराब बेचने वालों के लाइसेंस सस्पेंड होंगे।
हालांकि नई आबकारी नीति में इसका प्रावधान किया गया है। वहीं, डिपार्टमेंटल स्टोर अब केवल अपने जिले की शराब की दुकान से ही शराब ले सकेंगे।
वैसे तो शराब की दुकानों पर ओवर रेटिंग की शिकायतें आम हैं। नई आबकारी नीति में इस पर लगाम लगाने के लिए खास प्रावधान किया गया है। अगर किसी दुकान की पांच बार एमआरपी से अधिक वसूली की शिकायत आई तो उसका लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा।

बता दे कि बैठक में तय किया गया कि देशी मदिरा के पव्वे कांच के बजाए अब टेट्रा पैक में मिलेगा ताकि मिलावट रोकी जा सके। सरकार ने डिपार्टमेंटल स्टोर के लाइसेंस का शुल्क पहाड़ों में आठ लाख रुपए और मैदानी जिलों में आठ से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया है।

इसी के साथ अब नई आबकारी नीति में बार रेस्टोरेंट के शुल्क में कोई इजाफा नहीं किया गया है। ये निकटवर्ती शराब ठेके से ही ले सकेंगे। समुद्र आयतित मदिरा की कीमतों को भी नियंत्रित किया गया है। राज्य में डिपार्टमेंटल स्टोर अब अपने जिले में स्थित शराब ठेके से ही शराब ले सकेंगे, जिससे उनकी मनमानी पर लगाम लगेगी।

हालांकि नई नीति में दैवीय आपदा या धरना प्रदर्शन के दौरान बंद रहने वाली दुकान का जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर उस अवधि का राजस्व माफ करने का प्रावधान किया गया है।

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