नैनीताल| उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड से जुड़ा एक ताजा अपडेट सामने आया है. इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य की जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. आपको बता दें कि पुलिस पुलकित आर्य की जमानत से जुड़े प्रार्थना पत्र पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की और आरोपी पुलकित आर्य की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. साफ है कि पुलकित आर्य को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. नैनीताल हाईकोर्ट ने साफतौर पर कहा है कि ये एक संगीन अपराध है.
हाईकोर्ट ने कहा कि अभी तक निचली अदालत में भी कई गवाहियां हो चुकी हैं. सभी के बयानों में इसकी पुष्टि हुई है कि घटना के समय तीनों आरोपी घटनास्थल पर ही मौजूद थे. बयानों में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि तीनों ने जबरदस्ती अंकिता भंडारी को वीआईपी सर्विस देने के लिए डाला. फारेंसिक जांच हुई तो इसमें भी तीनों की लोकेशन घटनास्थल पर पाई गई.
सुनवाई के दौरान अंकिता के माता पिता की तरफ से कहा गया कि आरोपियों ने सबूतों को छुपाने के लिए रिसॉर्ट में तोड़फोड़ की. इसके अलावा रिसॉर्ट के सीसीटीवी कैमरे बंद करा दिए गए. ऐसे में पुलकित आर्य की जमानत याचिका खारिज की जाती है. आपको बता दें कि यमकेश्वर क्षेत्र के वनंत्रा रिजॉर्ट में श्रीकोट के डोभ गांव की अंकिता भंडारी रिसेप्शनिस्ट के तौर पर नौकरी करती थी.
18 सितंबर 2022 की रात को चीला बैराज में रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता ने अंकिता भंडारी को धक्का देकर कथित तौर पर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद राजस्व पुलिस के लापरवाह रवैये के मद्देनजर मामले को रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया. जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ. तब से ही तीनों आरोपी जेल में बंद हैं.