उत्तराखंड शासन ने चमोली जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को पद से हटा दिया है. उन पर अपने पद और अधिकारों के दुरुपयोग का आरोप है.
सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने जारी आदेश में कहा कि गढ़वाल मंडल आयुक्त की जांच में यह भी पाया गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने निविदा समिति की सिफारिश पर न्यूनतम बोलीदाता के बजाए अधिकतम बोलीदाता की निविदाएं मंजूर की. कुछ कार्यों में एकमात्र निविदाओं को मंजूर किया गया.
शासनादेश में कहा गया है कि श्री नंदादेवी राजजात यात्रा के लिए वर्ष 2012-13 में पर्यटन विभाग की ओर से प्राप्त धनराशि से विभिन्न काम होने थे. इसके लिए जिला पंचायत की ओर से 64 निविदाएं आमंत्रित की गई थी. जिसमें न्यूनतम दर वाली निविदाओं के बजाए अधिक दर वाली निविदाओं को मंजूर किया गया.
मामले की जांच के बाद शासन को जो रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है. उसमें पाया गया है कि 64 में से 30 कार्यों के लिए प्राप्त निविदाओं के तुलनात्मक विवरण से स्पष्ट है कि इन मामलों में प्राप्त निविदाओं को खोलने के लिए गठित समिति ने जिन न्यूनतम निविदाओं के संबंध में अपनी सिफारिश दी.
उत्तराखंड: शासन ने चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को पद से हटाया, लगे यह आरोप
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