उत्तराखंड में वनाग्नि के मामले बढ़ते हुए समस्याओं के सामने सरकार ने एक अनोखा कदम उठाया है। पिरूल को वनाग्नि का मुख्य कारण मानते हुए, वनाग्नि को रोकने के लिए ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन शुरू किया जाना है। इस मिशन के अंतर्गत, सरकार पिरूल कलेक्शन सेंटरों पर 50 रुपये प्रति किलो की दर पर पिरूल खरीदेगी, जिससे जंगल की आग को कम करने में मदद मिलेगी।
यह उपाय न केवल जंगली आगों को नियंत्रित करेगा, बल्कि यह भी स्थानीय लोगों को एक अवसर प्रदान करेगा ताकि वे पैसे कमा सकें और साथ ही वनस्पति विविधता की रक्षा में भी सहायता कर सकें।
बता दें कि इस राशि को तीन रुपए से बढ़ाकर पचास रुपये किया गया है। इस मिशन का संचालन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ का कार्पस फंड अलग से रखा जाएगा।