उत्‍तराखंड

चमोली ग्लेशियर हादसा: सीएम रावत ने किया मुआवजे का ऐलान, 125 के आसपास लोग लापता

सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत

उत्तराखंड के आपदा प्रभावित सीमांत चमोली के रैंणी व तपोवन से लौटने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बचाव व राहत का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा भी की है। उन्होंने कहा कि अभी तक मिली सूचना के मुताबिक लगभग  करीब 120 लोग लापता है जबकि, सात लोगों के शव  निकाले जा चुके हैं। आपदा में करीब 160 के आसपास भेड़ बकरियों के मारे जाने की सूचना है। 

उन्होंने कहा कि आपदा से हुए नुकसान का अभी सही आकलन नहीं किया गया है क्योंकि सरकार का पूरा ध्यान बचाव और राहत कार्य पर है। उन्होंने बताया कि राहत की बात है कि अब स्थिति नियंत्रण में है और खतरे वाली कोई बात नहीं है। सीएम रावत ने चिंता जताई है कि सुरंग के अंदर तक मलबा व गाद भर गई है जिससे बचाव व राहत कार्य में परेशानी हो रही है। टनल में फंसे लोगों को बचाने के लिए आईटीबीवी जवान रस्सियों के सहारे नीचे उतरकर राहत कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऋषि गंगा पर निर्माणाधीन पावर प्रोजेक्ट में करीब 35 लोग काम पर थे, जो सुरक्षित हैं। 

उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से रैंणी गांव के पास एक मोटर वाहन पुल और  और चार झूला पुल टूट गए हैं। ऋषि गंगा व धौलीगंगा के आसपास रहने वाले गांवों का संपर्क आपस में टूट गया है । उन्होंने बताया कि वायु सेना और आर्मी के हेलीकॉप्टर मौके पर हैं। एनडीआरएफ की टीम आपदा ग्रस्त इलाकों के लिए रवाना कर दी गई है। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आश्वासन दिया है कि राहत व बचाव कार्यों में कोई ढिलाई नहीं होगी।  उन्होंने बताया कि इस इलाके में 17 गांव हैं । कहा कि कुछ गांव के लोग जाड़ों में दूसरे गांव में चले जाते हैं, जबकि अन्य गांवों में राहत सामग्री पहुंचाना शुरू कर दिया है । उन्होंने कहा कि इलाके में एसडीआरएफ, आइटीबीपी आर्मी ,डीएम एसपी राहत व बचाव कार्य में जुटे हैं । रावत ने कहा कि सोमवार को एनडीआरएफ की और टीमें दून पहुंच रही है, जिन्हें आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के लिए रवाना कर दिया जाएगा।  

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