शासन ने उपनल कर्मचारियों का मानदेय 10 प्रतिशत वृद्धि करने के बाद, अब हटाए गए कर्मचारियों को एक महीने के भीतर फिर से रखने के निर्देश जारी किए हैं। सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि यदि उपनल कर्मचारी किसी भ्रष्टाचार, अनुशासनहीनता या अयोग्यता के आरोपी नहीं हैं, तो उन्हें फिर से नौकरी मिल सकती है। प्रदेश में लगभग 25 हजार उपनल कर्मचारी हैं।
हाल ही में, कर्मचारियों ने मांग की थी कि मानदेय वृद्धि के साथ-साथ अन्य विभिन्न मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार किया जाए। इस आंदोलन के परिणामस्वरूप, कर्मचारियों का मानदेय 10 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है, लेकिन इसके साथ ही बिना किसी वजह के हटाए गए कर्मचारियों को रखने का निर्देश दिया गया है। सचिव सैनिक कल्याण ने यह विवेचन किया है कि कुछ विभागों में उपनल के माध्यम से रखे गए कर्मचारियों को बिना समुचित कारण के हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।