बिजली की दरों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ऊर्जा निगम ने उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को बिजली दरों में 16 प्रतिशत वृद्धि का प्रारंभिक प्रस्ताव बना कर भेज दिया है.
ऊर्जा निगम ने आयोग से महंगी बिजली खरीदने के कारण हुए करीब 1400 करोड़ के वित्तीय नुकसान की भरपाई की मांग की है. तर्क दिया है कि मार्च, अप्रैल, मई, जून और जुलाई में लगातार बिजली का संकट रहा है. इस संकट के दौर में आम जनता को नियमित बिजली सप्लाई देने के लिए बाजार से अतिरिक्त बिजली खरीदनी पड़ी. बाजार में बिजली के संकट के कारण बिजली की दरें 12 रुपये प्रति यूनिट से नीचे नहीं रहीं. मार्च, अप्रैल, मई के महीने में तो दरें 20 रुपये प्रति यूनिट तक रहीं.
यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने कहा, ‘इस बार बिजली की मांग लगातार बढ़ी हुई है. जुलाई में भी मांग 50 एमयू से ऊपर ही चल रही है. ऐसे में बिजली सप्लाई नियमित रखने को बाजार की महंगी बिजली पर निर्भर रहना पड़ रहा है. इस कारण निगम पर करोड़ों का अतिरिक्त वित्तीय भार बढ़ गया है.’