प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जिलों के स्तर पर डीपीआर तैयार कर ली गई है। अब जनपद स्तर पर विभिन्न योजनाओं में कितनी फंडिंग हो सकती है, इसका परीक्षण किया जा रहा है। शेष फंडिंग का इंतजाम राज्य सेक्टर और अन्य योजनाओं में किया जाएगा।
इसी के साथ प्रदेश सरकार पर्यटन की दृष्टि से नए ईको डेस्टीनेशन विकसित करना चाहती है। ताकि चिह्नित पर्यटक स्थलों पर उमड़ने वाली पर्यटकों की भीड़ को उस ओर मोड़ा जा सके। इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। सरकार का मानना है कि प्रदेश का अधिकतम भूभाग वन क्षेत्र होने के कारण यह प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने बताया कि जिलों में ईको टूरिज्म से संबंधित शुल्क का निर्धारण जिलों के स्तर पर ही किया जाएगा। इसमें भौगोलिक परिस्थतियों, पर्यटकों की क्षमता और विकसित सुविधाओं का ध्यान रखते हुए शुल्क का निर्धारण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनपद स्तरीय ईको टूरिज्म समितियां अपने स्तर पर दरें निर्धारित कर सकेंगी।